iGrain India - नई दिल्ली । चालू रबी मार्केटिंग सीजन की अवधि यद्यपि 30 जून 2024 तक जारी रहेगी मगर गेहूं की वास्तविक खरीद की प्रक्रिया लगभग समाप्त हो चुकी है।
गेहूं की कुल खरीद इस बार 265-266 लाख टन के करीब रहने का अनुमान है जो पिछले साल की खरीद 262 लाख टन से 3-4 लाख टन ज्यादा है।
खाद्य मंत्रालय ने 373 लाख टन गेहूं की खरीद की लक्ष्य नियत किया था जबकि वास्तविक खरीद उससे 107-108 लाख टन पीछे रह गई।
पिछले मार्केटिंग सीजन के आरंभ में केन्द्रीय पूल में गेहूं का अच्छा खासा स्टॉक मौजूद था मगर इस बार यह घटकर 75 लाख टन के आसपास रह गया जो न्यूनतम अनिवार्य बफर स्टॉक के लगभग बराबर ही था।
केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने 2023-24 के रबी सीजन में 1129 लाख टन से अधिक गेहूं के उत्पादन का अनुमान लगाया है जो सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर है। इसके बावजूद खरीद में महज 3-4 लाख टन का ही इजाफा हो सका।
फ्लोर मिलर्स- प्रोसेसर्स एवं व्यापारियों के पास भी गेहूं का भारी-भरकम स्टॉक नहीं है तभी तो वे सरकार से इसके शुल्क मुक्त आयात की अनुमति देने की बार-बार जोरदार मांग कर रहे हैं।
यह मानना भी गलत होगा कि शेष 8.00-8.50 करोड़ टन गेहूं का स्टॉक किसानों के पास मौजूद है।
मंडियों में गेहूं की सीमित आवक हो रही है। उम्मीद की जा रही थी कि पिछले साल की भांति भारतीय खाद्य निंगम (एफसीआई) द्वारा इस वर्ष भी जून से खुले बाजार बिक्री योजना के तहत गेहूं की साप्ताहिक ई-नीलामी आरंभ की जाएगी मगर अभी तक इसका कोई संकेत नहीं दिया गया है।
उधर सरकार ने गेहूं पर लगे 40 प्रतिशत के आयात शुल्क को हटाने की संभावना से भी इंकार कर दिया है। इन सभी कारणों से लगता है कि गेहूं का भाव निकट भविष्य में मजबूत बना रहेगा।