iGrain India - राजकोट । दोनों शीर्ष उत्पादक प्रांतों- गुजरात एवं राजस्थान में उत्पादकों द्वारा सीमित मात्रा में अपने स्टॉक को थोक मंडियों में उतारने से जीरा के दाम में जोरदार गिरावट आने की संभावना नहीं है।
दूसरी ओर स्थानीय डीलर्स, दिसावरी व्यापारियों एवं निर्यातकों की मांग सामान्य से कम होने के कारण कीमतों में जोरदार तेजी आने के आसार भी नहीं हैं।
दरअसल तमाम देसी-विदेशी खरीदारों को पता चल गया है कि चालू वर्ष के दौरान जीरा के उत्पादन में अच्छी बढ़ोत्तरी हुई है और आगे भी इसकी नियमित आपूर्ति बनी रहेगी इसलिए वे जल्दबाजी में या घबराहट पूर्ण लिवाली नहीं कर रहे हैं।
व्यापार विश्लेषकों का मानना है कि जब तक जोरदार घरेलू एवं निर्यात मांग नहीं निकलेगी तब तक जीरा के दाम में सीमित तेजी-मंदी का माहौल बना रहेगा।
यह सही है कि इस बार जीरा के घरेलू उत्पादन में बढ़ोत्तरी हुई है लेकिन यह भी सही है कि पिछला बकाया स्टॉक काफी कम था।
तुर्की, सीरिया, ईरान एवं अफगानिस्तान जैसे देशों में जीरा के नए माल की आवक अगले कुछ सप्ताहों में शुरू होने वाली है जिससे वैश्विक निर्यात बाजार में भारतीय निर्यातकों के लिए प्रतिस्पर्धा एवं चुनौती बढ़ जाएगी। इन देशों का माल सस्ता होता है
क्योंकि इसकी क्वालिटी भारतीय जीरे से कमजोर (हल्की) होती है। चीन में भी नया जीरा आने लगा है। तुर्की, सीरिया एवं चीन में जीरे की फसल इस बार गत वर्ष से बेहतर बताई जा रही है।
पिछले साल चीन ने भारत से पहले सस्ते दाम पर भारी मात्रा में जीरे का आयात किया था लेकिन जब भारत में भाव उछलकर नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया तब चीन ने उसका निर्यात कर दिया इसलिए वहां जीरा का स्टॉक काफी कम बताया जा रहा है।