iGrain India - नई दिल्ली । चालू वित्त वर्ष के आरंभ से ही अफ्रीकी देश- सूडान से भारत में मगज तरबूज का आयात नहीं या नगण्य हो रहा है जबकि घरेलू प्रभाग में इसका स्टॉक भी कम बचा हुआ है।
दूसरी ओर इसकी मांग एवं खपत का सीजन आरंभ होने वाला है जिससे आगामी समय में इसकी कीमतों में तेजी-मजबूती का माहौल बनने की संभावना है।
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश एवं राजस्थान जैसे महत्वपूर्ण उत्पादक राज्यों में मगज तरबूज का बिजाई क्षेत्र एवं उत्पादन घटता जा रहा है। हाइब्रिड किस्म की खेती अधिक होने लगी है जिसमें बीज कम होते हैं।
पिछले वित्त वर्ष के अंत यानी 31 मार्च 2024 तक सूडान सहित कुछ अन्य देशों से भारी मात्रा में तरबूज-बीज का आयात होने से घरेलू प्रभाग में उसकी आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ गई थी और कीमतों में नरमी आ गई थी।
इसका दाम घटकर 400 रुपए प्रति किलो के आसपास आ गया था। लेकिन नीचे दाम पर खपतकर्ता उद्योगों की मांग निकलने से भाव सुधरने लगा है।
मिष्ठान निर्माता इसकी खरीद में अच्छी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। पिछले कुछ दिनों के अंदर इसका भाव सुधरकर 460-470 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गया।
जहां तक देसी मगज तरबूज का सवाल है तो पिछले साल इसका भाव उछलकर 820-830 रुपए प्रति किलो की ऊंचाई पर पहुंच गया था।
चूंकि सूडान से माल नहीं आ रहा है इसलिए स्टॉकिस्ट चालू माह के आरंभ से ही नीचे भाव पर मगज तरबूज की भारी खरीद करने में व्यस्त हैं।
कुछ विश्लेषकों का कहना है कि 460/470 रुपए प्रति किलो के वर्तमान मूल्य स्तर पर बिकने वाले मगज तरबूज का दाम आगामी महीनों में उछलकर यदि 600/650 रुपए प्रति किलो तक पहुंच जाए तो कोई हैरानी की बात नहीं होगी क्योंकि इसका स्टॉक कम है और मांग मजबूत रहने की उम्मीद है।