iGrain India - हिसार । पिछले महीने सरसों के दाम में आई 500-700 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी से किसानों एवं व्यापारियों को कुछ राहत मिली थी लेकिन उसके बाद मांग एवं उठाव सुस्त पड़ने से कीमतों में नरमी या स्थिरता का रूख बनने लगा।
सरसों के एक प्रमुख उत्पादक राज्य हरियाणा में चालू वर्ष के दौरान उत्पादन बढ़कर 14 लाख टन पर पहुंचने का अनुमान सरकार ने लगाया है।
सरकारी एजेंसी- हैफेड तथा राज्य भंडारण निगम द्वारा किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर अच्छी मात्रा में सरसो की खरीद की गई जिससे बाजार को अच्छा समर्थन मिल गया। हाल की तेजी के बाद बाजार में आई नरमी के कारण राज्य की मंडियों में सरसों की आवक घटने लगी है।
व्यापार विश्लेषकों के अनुसार नीचे दाम पर सरसों का अच्छा कारोबार हो सकता है जिससे इसकी कीमतों में तेजी का एक और दौर शुरू होने के आसार हैं। फिलहाल भीषण गर्मी एवं अत्यन्त ऊंचे तापमान के कारण सरसों का कारोबार सुस्त पड़ गया है।
दक्षिण हरियाणा की भिवानी मंडी में सरसों का भाव पिछले दिनों 5550/5600 रुपए प्रति क्विंटल के पूर्व स्तर पर बरकरार रहा जो न्यूनतम समर्थन मूल्य से 50/100 रुपए प्रति क्विंटल नीचे था।
सरसों तेल के दाम में भी कोई बदलाव नहीं हुआ और यह 1160/1170 रुपए प्रति 10 किलो के पुराने स्तर पर स्थिर रहा। हांसी एवं नारनौल मंडी में भी सरसों एवं इसके तेल के दाम में कोई खास परिवर्तन नहीं देखा गया।
दरअसल हीट वेव की वजह से तिलहन-तेल में सुस्ती छाई हुई है। मानसून की पहली बौछार के साथ तापमान में जब जब गिरावट आएगी तब पुनः कारोबार जोर पकड़ सकता है। नारनौल में सरसों का दाम 5650-5750 रुपए प्रति क्विंटल बताया जा रहा है।
मौसम विभाग ने 29 जून तक दिल्ली, हरियाणा एवं आसपास के क्षेत्रों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आने की संभावना व्यक्त की है जबकि उससे पूर्व 20 जून को दिल्ली- एनसीआर में तेज हवा के साथ हल्की बारिश हो सकती है।