iGrain India - नई दिल्ली । मध्य प्रदेश में 80 लाख टन के नियत लक्ष्य के मुकाबले 48.40 लाख टन या 60 प्रतिशत गेहूं की खरीद होने से चिंतित सरकार ने वहां खरीद भी समय-सीमा 25 जून तक बढ़ा दी है।
इसी तरह राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश में 15 जून तक गेहूं खरीद की समय सीमा रही। इन तीनों प्रांतों में नियत लक्ष्य से बहुत कम गेहूं की खरीद संभव हो पाई। इसके मुकाबले पंजाब-हरियाणा में खरीद की स्थिति बेहतर रही। वैसे वहां भी इसकी मात्रा नियत लक्ष्य तक नहीं पहुंच सकी।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार पिछले साल की तुलना में चालू वर्ष के दौरान केन्द्रीय पूल के लिए गेहूं की खरीद 262 लाख टन से कुछ बढ़कर 265.36 लाख टन पर पहुंची।
इसके तहत पंजाब में खरीद की मात्रा 121 लाख टन से बढ़कर 124.50 लाख टन तथा हरियाणा में 63 लाख टन से उछलकर 71 लाख टन पर पहुंच गई। दूसरी ओर मध्य प्रदेश में यह 71 लाख टन से लुढ़ककर 48.40 लाख टन पर सिमट गई।
उल्लेखनीय है कि चालू रबी मार्केटिंग सीजन के लिए सरकार ने पंजाब में 130 लाख टन, हरियाणा एवं मध्य प्रदेश में 80-80 लाख टन, उत्तर प्रदेश में 60 लाख टन तथा राजस्थान में 20 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया था मगर किसी भी राज्य में वास्तविक खरीद नियत लक्ष्य तक नहीं पहुंच सकी।
समझा जाता है कि बड़ी-बड़ी फर्मों द्वारा किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य से ऊंचे दाम पर गेहूं खरीदने का प्रयास किया गया और बड़े-बड़े उत्पादकों ने भविष्य में भाव और भी ऊंचा होने की उम्मीद से गेहूं के स्टॉक को दबाने की कोशिश की जिससे सरकारी खरीद में मामूली बढ़ोत्तरी हो सकी।
इससे केन्द्र सरकार की चिंता बढ़ गई है। वैसे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के लिए फिलहाल कोई खतरा नहीं है मगर बाजार भाव को नियंत्रित करने में कठिनाई हो सकती है।