iGrain India - मुम्बई । हाल के महीनों में अनेक कारणों से खाद्य तेलों के घरेलू एवं वैश्विक बाजार मूल्य में तेजी मजबूती का माहौल बना रहा और अब भी कीमतों का स्तर ज्यादा नीचे नहीं आया है।
वैश्विक बाजार में भारी उतार- चढ़ाव का रूख बरकरार रहा जिससे घरेलू बाजार में अधिकांश खाद्य तेल के दाम में प्रति 10 किलो पर 50 से 70 रुपए तक का इजाफा हो गया।
तीन माह पूर्व बिनौला (कॉटन सीड) तेल का भाव 930 रुपए प्रति 10 किलो था जो अब बढ़कर 975 रुपए प्रति 10 किलो पर पहुंच गया है।
इसी तरह सोयाबीन तेल का दाम 910 रुपए से उछलकर 970 रुपए प्रति 10 किलो तथा राइस ब्रान तेल का दाम 890 रुपए से बढ़कर 950 रुपए प्रति 10 किलो हो गया।
इतना ही नहीं बल्कि समीक्षाधीन अवधि के दौरान तेल का मूल्य 900 रुपए से बढ़कर 980 रुपए प्रति 10 किलो और सरसों तेल का मूल्य 1060 रुपए से उछलकर 1190 रुपए प्रति 10 किलो पर पहुंच गया।
रूस और यूक्रेन से सूरजमुखी तेल की सीमित आपूर्ति हो रही है क्योंकि वहां इसका ऑफ या लीन सीजन चल रहा है। ऊंचे तापमान के कारण आगामी सीजन में सूरजमुखी की फसल को नुकसान होने की आशंका है जबकि सूरजमुखी तेल का बकाया स्टॉक भी बहुत कम रहेगा।
इससे बाजार पर कुछ हद तक मनोवैज्ञानिक असर पड़ने की संभावना है। सूरजमुखी तेल की सीमित आपूर्ति होने से अन्य वैकल्पिक खाद्य तेलों की मांग एवं कीमत सुधरने लगी है।
भारत में पहले यूक्रेन से सूरजमुखी तेल का सर्वाधिक आयात होता था मगर अब रुस तथा रोमानिया उससे काफी आगे निकल गया है। अर्जेन्टीना से सामान्य मात्रा में नियमित रूप से इसका आयात जारी है।
जहां तक सोयाबीन तेल का सवाल है तो अर्जेन्टीना में श्रमिकों की हड़ताल एवं ब्राजील के दक्षिणी भाग में मूसलाधार बारिश तथा भयंकर बाढ़ के कारण इसकी आपूर्ति में बाधा पड़ी है।
लैटिन अमरीकी देशों चालू सीजन के दौरान सोयाबीन की कम क्रशिंग हो रही है और ब्राजील से होकर अर्जेन्टीना के सोया तेल का शिपमेंट काफी घट गया है।
इससे वैश्विक बाजार में सोया तेल की आपूर्ति प्रभावित हो रही है और कीमतों में तेजी-मजबूती का माहौल बना हुआ है। इजरायल फिलीस्तीन युद्ध से भी आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हो रही है।
परिवहन संबंधी चुनोतियों, बंदरगाहों पर संकीर्णता और शिपमेंट में होने वाली देरी से खाद्य तेलों का भाव मजबूत बना हुआ है।