iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार ने कहा है कि घरेलू बाजार में प्रभावी ढंग से हस्तक्षेप करने के लिए गेहूं का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है। आवश्यक वस्तुओं की कीमतों की समीक्षा के लिए आज केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री की अध्यक्षता में मंत्रियों की समिति की एक बैठक आयोजित हुई जिसमें गेहूं के स्टॉक एवं दाम के बारे में भी विचार-विमर्श किया गया
मीटिंग में बताया गया कि चालू वर्ष के दौरान 18 जून तक लगभग 266 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हुई जो पिछले साल की पूरी खरीद 262 लाख टन से अधिक है।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) तथा अन्य कल्याणकारी योजनाओं की जरुरत को पूरा करने के लिए लगभग 184 लाख टन गेहूं की आवश्यकता पड़ेगी और इसे पूरा करने के बाद केन्द्रीय पूल में गेहूं का इतना स्टॉक उपलब्ध रहेगा जिससे जब और जैसे जरूरत पड़ेगी, बाजार में हस्तक्षेप करना संभव हो जाएगा।
गृह मंत्री ने कहा कि गेहूं की आपूर्ति एवं उपलब्ध तथा कीमतों पर गहरी नजर रखी जाए और इस बात को सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त नीतिगत उपाय किए जाएं कि गेहूं के दाम में स्थिरता रहे और देश के सभी उपभोक्ताओं को यह उचित मूल्य पर पर्याप्त मात्रा में हासिल होता रहे।
ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार गेहूं के दाम पर गहरी नजर रख रही है मगर फिलहाल उसे खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत गेहूं की ई-नीलामी शुरू करने की आवश्यकता महसूस नहीं हो रही है।
सरकार गेहूं पर लगे 40 प्रतिशत के आयात शुल्क की निकट भविष्य में हटाए जाने की संभावना से पहले ही इंकार का चुकी है।
इतना निश्चित है कि खुले बाजार में तब तक गेहूं की आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति जटिल बनी रहेगी जब तक केन्द्रीय पूल से निश्चित दाम पर इसकी बिक्री शुरू नहीं की जाती है।