iGrain India - नई दिल्ली । दक्षिण-पश्चिम मानसून को आए हुए 20 दिन से अधिक हो चुके हैंं लेकिन अब भी देश के बांधों-जलाशयों में पानी के भंडार में कोई खास इजाफा नहीं हुआ है।
दरअसल मानसून की सुस्ती एवं कमजोरी के कारण लगातार 37 वें सप्ताह भी पानी के भंडार में कमी दर्ज की गई। वैसे दक्षिण भारत में अच्छी बारिश होने से जल स्तर में कुछ सुधार आया।
केन्द्रीय जल आयोग के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि देश के 150 प्रमुख बांधो-जलशयों में से केवल 6 जलाशयों में पानी का भंडार सामान्य स्तर से ज्यादा है।
हालांकि दक्षिण भारत और खासकर केरल तथा कर्नाटक में जल भंडार की स्थिति नियमित रूप से सुधरती जा रही है और छह राज्यों- गुजरात, आसाम, झारखंड, मध्य प्रदेश, केरल तथा उत्तराखंड में पानी का स्टॉक सामान्य स्तर से ऊंचा हो गया है मगर देश के अन्य राज्यों के जलाशयों में पानी का भंडार कम है।
आयोग के अनुसार देश के 150 प्रमुख जलाशयों में पानी का भंडार संयुक्त रूप से घटकर 37.622 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) रह गया है जो इसकी कुल भंडारण क्षमता 178.784 बीसीएम का महज 21 प्रतिशत है। पिछले सा की समान अवधि में 80 प्रतिशत भंडारण क्षमता के लायक पानी का स्टॉक उपलब्ध था।
दक्षिण-पश्चिम मानसून अब धीरे-धीरे सक्रिय होने लगा है जिससे आगामी समय में जल स्तर में सुधार आने के आसार हैं। बंगाल-बिहार में मानसून की सक्रियता बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं।
दक्षिणी भारत के पांचोंं प्रमुख राज्यों- कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल एवं तमिलनाडु में अच्छी वर्षा हुई है। देश के पूर्वोत्तर भाग में भी मूसलाधार बारिश के कारण कहीं-कहीं बाढ़ आ गई है।
महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़ एवं उड़ीसा के कई भागों में मानसून पहले ही पहुंच चुका है। अब उत्तरी एवं पश्चिमोत्तर राज्यों में इसका सक्रिय होना बाकी है।