iGrain India - हैदराबाद । विदेशी आयातकों की मांग मजबूत रहने तथा केन्द्र सरकार द्वारा 2024-25 सीजन के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाए जाने के कारण चालू सप्ताह के दौरान भारतीय चावल का निर्यात ऑफर मूल्य बढ़कर पिछले करीब तीन माह के उच्च स्तर पर पहुंच गया।
मालूम हो कि सरकार ने 20 जून को 2024-25 सीजन के लिए धान का एमएसपी 117 रुपए पर 5.4 प्रतिशत बढ़ाकर 2300 रुपए (27 डॉलर) प्रति क्विंटल नियत कर दिया। इसके फलस्वरूप आवक के निर्यात मूल्य में इजाफा हो गया। चावल का घरेलू बाजार भाव भी बढ़ने की संभावना है।
व्यापार विश्लेषकों के मुताबिक विदेशी आयातक पहले से ही भारतीय चावल की अच्छी खरीद करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे क्योंकि ऑफर मूल्य में हुई बढ़ोत्तरी के बावजूद भारतीय चावल अन्य निर्यातक देशों की तुलना में सस्ता रहेगा।
100 प्रतिशत टूटे तथा गैर बासमती सफेद (कच्चे) चावल के व्यापारिक निर्यात पर प्रतिबंध लागू होने के बावजूद भारत संसार में चावल का सबसे बड़ा निर्यातक देश बना हुआ है।
भारत के 5 प्रतिशत टूटे सेला चावल का निर्यात ऑफर मूल्य पिछले सप्ताह 539-546 डॉलर प्रति टन चल रहा था जो चालू सप्ताह में बढ़कर 544-552 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गया।
दूसरी ओर वियतनाम के 5 प्रतिशत टूटे चावल का निर्यात ऑफर मूल्य 570-575 डॉलर से गिरकर 570 डॉलर प्रति पर आ गया। मेकांग डेल्टा के एक व्यापारी का कहना है के वियतनामी चावल का कारोबार कुछ धीमा हो गया है क्योंकि खरीदारों (निर्यातकों) द्वारा इसकी खरीद रोकी जा रही है।
दरअसल वियतनामी निर्यातक फिलीपींस में चावल पर आयात शुल्क में होने वाली आधिकारिक कटौती का इंतजार कर रहे हैं। सुनने में आया है कि फिलीपींस में शुल्क कटौती का प्रस्ताव विचाराधीन है और राष्ट्रपति द्वारा इसकी अंतिम स्वीकृति देने का निर्णय जुलाई से सितंबर के बीच लिए जाने की संभावना है।
मेकांग डेल्टा में अभी धान की नई फसल की कटाई-तैयारी हो रही है जो अगले महीने के अंत तक जारी रहेगी। इससे भी चावल के घरेलू बाजार भाव पर असर पड़ा है।