iGrain India - बैंकॉक। दुनिया के दिनों शीर्ष चावल निर्यातक देशों- भारत, थाईलैंड एवं वियतनाम में इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न का भाव ऊंचे स्तर पर मौजूद है और निकट भविष्य में इसमें ज्यादा गिरावट आने की संभावना है।
भारत में रबी कालीन धान की फसल लगभग कट चुकी है और इसकी सरकारी खरीद भी जल्दी ही समाप्त होने वाली है। उधर थाईलैंड में धान चावल का उत्पादन कम होने से भाव ऊंचा है।
वियतनाम के मेकांग डेल्टा में धान की नई फसल की कटाई-तैयारी जारी रहने से कीमतों में थोड़ी नरमी आई है मगर जुलाई से इसमें दोबारा तेजी का माहौल बन सकता है।
भारत में खरीफ कालीन धान की खेती का सीजन औपचारिक तौर पर आरंभ हो चुका है मगर सरकार द्वारा इसके न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी किए जाने से बाजार में तेजी का रूख कायम रहने की संभावना है। पाकिस्तान और म्यांमार के साथ-साथ अमरीका में भी चावल का सीमित निर्यात योग्य स्टॉक बचा हुआ है।
थाईलैंड में 5 प्रतिशत टूटे चावल का निर्यात ऑफर मूल्य 615-620 डॉलर प्रति टन के बीच चल रहा है जो पिछले सप्ताह 630 डॉलर प्रति टन की ऊँचाई पर पहुंच गया था।
अत्यन्त ऊंचे मूल्य पर मांग घटने से चावल का भाव नीचे आया है मगर सीमित स्टॉक को देखते हुए इसमें आगे ज्यादा गिरावट आना मुश्किल लगता है।
इसके मुकाबले 5 प्रतिशत टूटे चावल का निर्यात ऑफर मूल्य वियतनाम में करीब 570 डॉलर प्रति टन तथा भारत में (सेला चावल का) 544-552 डॉलर प्रति टन चल रहा है।
दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों में चावल के निर्यात के लिए थाईलैंड और वियतनाम के बीच तगड़ी प्रतिस्पर्धा रहती है जबकि भारतीय चावल का निर्यात मुख्यत: अफ्रीकी देशों को किया जाता है।