iGrain India - तिरुअनन्तपुरम । अप्रैल-मई तक दक्षिण भारत में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ था लेकिन 30 मई को केरल में दक्षिण पश्चिम मानसून के पहुंचने और नियमित रुप से अच्छी वर्षा होने के कारण बांधों-जलाशयों में पानी तथा खेतों में नमी का स्तर बढ़ गया।
दिलचस्प तथ्य यह है कि मानसून के आने से पूर्व देश में सात जलाशय पूरी तरह सूख गए थे मगर कंडालेरू जलाशय में मानसूनी वर्षा के पानी का प्रवाह बढ़ने से अब सूखे जलाशयों की संख्या घटकर 6 रह गई।
केरल से लेकर तेलंगाना तक दक्षिणी प्रायद्वीप में सामान्य से अधिक बारिश हुई है। पिछले सप्ताह देश के 139 जलाशयों में पूरी भंडारण क्षमता के सापेक्ष 50 प्रतिशत से कम पानी का स्टॉक उपलब्ध था मगर अब इसकी संख्या घटकर 137 रह गई है।
इसमें से 128 जलाशय में 40 प्रतिशत से कम पानी का भंडार बचा हुआ है। मानसून की तीव्रता, सघनता एवं गतिशीलता बढ़ने के साथ जलाशयों में पानी का स्तर बढ़ते जाने की उम्मीद है।
हालांकि मानसून की कुल वर्षा अभी दीर्घकालीन औसत से कम हुई है लेकिन मौसम विभाग को जुलाई-अगस्त में मूसलाधार बारिश होने की उम्मीद है
जिससे खरीफ फसलों की बिजाई एवं प्रगति में अच्छी सहायता मिलेगी। इस बीच 21 जून को दिल्ली-एनसीआर में वर्षा होने से किसानों को बिजाई प्रक्रिया शुरू करने में मदद मिलेगी इसी तरह कल यानी 20 जून को बिहार के कई भागों में भारी वर्षा हुई थी। कुछ दिनों की सुस्ती के बाद अब मानसून के दोबारा सक्रिय होने के संकेत मिल रहे हैं।