iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार घरेलू प्रभाग में खाद्य उत्पादों की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाने तथा कीमतों में तेजी पर अंकुश लगाने के लिए अनेक नीतिगत उपाय लागू करने पर गंभीरतापूर्वक विचार कर रही है। पिछले सप्ताह सरकार ने तुवर,
देसी चना एवं काबुली चना पर भंडारण सीमा लागू कर दी जबकि अब ब्रांडेड भारत, दाल, चावल एवं आटा प्रोग्राम के तहत बिक्री बढ़ाने तथा खरीफ कालीन दलहनों की पैदावार में बढ़ोत्तरी करने हेतु आवश्यक कदम उठाने का प्लान भी बना रही है।
सरकार का ध्यान आगामी महीनों के दौरान दाल दलहन, चावल, आटा तथा प्रमुख सब्जियों के दाम में होने वाली वृद्धि को नियंत्रित करने पर केन्द्रित रहेगा।
चूंकि दाल-दलहन एवं प्याज का भाव बढ़कर काफी ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है इसलिए किसनों को चालू खरीफ सीजन के दौरान इसका बिजाई क्षेत्र और उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इस बार मानसून की बरसात भी अच्छी होने वाली है जिससे उत्पादकों को दलहनों का बिजाई क्षेत्र बढ़ाने में काफी सुविधा मिलेगी।
सनद रहे कि सरकार ने पिछले सप्ताह खरीफ कालीन दलहन फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में अच्छी बढ़ोत्तरी की थी। इसके तहत अरहर (तुवर) का समर्थन मूल्य 6.5 प्रतिशत बढ़ाकर 7550 रुपए क्विंटल नियत किया गया। उड़द का समर्थन मूल्य भी बढ़ाकर 7400 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया। मूंग के समर्थन मूल्य में 1.4 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई।
सरकार ने खरीफ कालीन दलहनों की खरीद सुनिश्चित करने के लिए नैफेड तथा एनसीसीएफ जैसी एजेंसियों की किसानों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया आरंभ करने का निर्देश दिया है।
दलहनों की खरीद इन पंजीकृत किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जाएगी। इससे दलहनों का बफर स्टॉक ऊंचा करने में मदद मिलेगी और आवश्यकता पड़ने पर बाजार में प्रभावी ढंग से हस्तक्षेप करना भी आसान हो जाएगा। अग्रिम रजिस्ट्रेशन से सराकर को उत्पादन का मोटा अनुमान लगाने और उसके अनुरूप रणनीति बनाने में सहायता मिलेगी।