iGrain India - नई दिल्ली । केरल में नियत तिथि से दो दिन पूर्व ही दस्तक देने वाला दक्षिण पश्चिम मानसून आगे बढ़ते हुए अब उत्तरी भारत में प्रवेश कर रहा है जिससे खरीफ फसलों की बिजाई की रफ्तार बढ़ाने में किसानों को अच्छी सहायता मिलने की उम्मीद है। बंगाल - बिहार के बाद अब उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिलों में मानसून की बारिश हो रही है।
उधर महाराष्ट्र, गुजरात, उड़ीसा एवं छत्तीसगढ़ में मानसून पहले ही सक्रिय हो चुका है जबकि दक्षिणी राज्यों- केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु एवं तेलंगाना की विभिन्न भागों में नियमित रूप से बारिश हो रही है।
पूर्वोत्तर भारत के आसाम, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में भी अच्छी बारिश होने की सूचना मिल रही है।
लेकिन मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर में जब जोरदार बारिश होने लगेगी तब धान, दलहन, तिलहन, मोटे अनाज एवं कपास की खेती तेज गति से पूरे देश में होने लगेगी।
उम्मीद की जा रही थी कि जून में मानसून की हालत सामान्य रहेगी और देश के कई राज्यों में भारी वर्षा होगी। आमतौर पर 8 जुलाई तक मानसून पूरे देश को कवर कर लेता है और इस वर्ष की गति को देखते हुए लगता है कि जुलाई के प्रथम सप्ताह तक मानसून राजस्थान के अंतिम पश्चिमी छोर पर पहुंच जाएगा।
लेकिन यह तथ्य कई राज्यों के सभी भागों तक इसे पहुंचने में समय लग सकता है। बिहार के कई जिलों में भारी बारिश हो रही है जबकि अनेक ऐसे जिले भी हैं जहां भीषण गर्मी एवं लू का प्रकोप जारी है।
यही स्थिति उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में भी है। इसके अलावा तेलंगाना जैसे राज्यों में एक व्यक्ति के बाद मानसून के निष्क्रिय होने की सूचना मिल रही है।