iGrain India - इंदौर । दाल-दलहन क्षेत्र की एक महत्वपूर्ण संस्था- मध्य प्रदेश काबुली चना एसोसिएशन ने केन्द्रीय खाद्य, उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रहलाद जोशी को एक पत्र भेजकर काबुली चना को भंडारण सीमा (स्टॉक लिमिट) के दायरे से बाहर रखने का अनुरोध किया है।
एसोसिएशन ने अपने पत्र में कहा है कि 21 जून 2024 को सरकार ने एक आदेश जारी करके तुवर एवं चना पर भंडारण सीमा लगाने की घोषणा की थी और इसमें देसी चना के साथ-साथ काबुली चना को भी शामिल कर लिया।
एसोसिएशन के अनुसार काबुली चना एक ऐसा कृषि उत्पाद है जिसके अधिकांश भाग का विदेशो में निर्यात किया जाता है जिससे देश को अबहुमूल्य विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है।
घरेलू प्रभाग में काबुली चना का उपयोग दली दाल के रूप में नहीं बल्कि एक किराना जिंस के तौर पर होती है। एसोसिएशन के अध्य्क्ष दिलीप अगवाल द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में कहा गया है कि निर्यात उद्देश्य के लिए व्यापारियों- निर्यातकों को हमेशा भारी मात्रा में काबुली चना का स्टॉक रखना पडता है क्योंकि इसके एक खेप में शिपमेंट की मात्रा 200 से 1000 टन के बीच होती है।
स्टॉक सीमा लागू होने से निर्यात कारोबार ठप्प पड़ जाएगा और घरेलू उत्पादकों को भी लाभप्रद मूल्य प्राप्त करने से वंचित होना पड़ेगा।