iGrain India - नई दिल्ली । बेशक केन्द्र सरकार ने कपास के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 501 रुपए प्रति क्विंटल का भारी इजाफा कर दिया है मगर इससे इसकी खेती के प्रति किसानों की दिलचस्पी बढ़ने में संदेह है।
इसके बजाए किसान दलहनों एवं मक्का का उत्पादन बढ़ाने पर ज्यादा ध्यान दे सकते हैं। हालांकि सरकार ने तुवर का समर्थन मूल्य बढ़ाकर 7550 रुपए प्रति क्विंटल, उड़द का 7400 रुपए प्रति क्विंटल तथा मूंग का समर्थन मूल्य 8682 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है लेकिन तुवर एवं उड़द का खुला बाजार भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य से ऊंचा चल रहा है जो किसानों के लिए विशेष आकर्षण साबित होगा।
इस बार दलहनों के प्रमुख उत्पादक राज्यों में मानसून की वर्षा भी अच्छी होने वाली है और मौसम अनुकूल रहने की उम्मीद है जबकि बाजार भाव पहले से ही लाभप्रद स्तर पर चल रहा है।
सरकार भी न्यूनतम समर्थन मूल्य या बाजार में प्रचलित भाव पर दलहनों की अच्छी खरीद का प्रयास कर सकती है। यदि प्रमुख दलहन उत्पादक राज्यों में मानसून की अच्छी बारिश हुई तो किसान निश्चित रूप से इसका क्षेत्रफाल बढ़ाने का भरपूर प्रयास करेंगे।
मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) भी 6.50 प्रतिशत बढ़ाकर 2225 रुपए प्रति क्विंटल नियत किया गया है जो किसानों को इसकी खेती के लिए आकर्षित कर सकता है।
स्वयं सरकार इसके उत्पादन संवर्धन को प्रोत्साहित कर रही है क्योंकि इसकी औद्योगिक मांग एवं खपत तेजी से बढ़ती जा रही है। मांग एवं आपूर्ति के जटिल समीकरण से मक्का का भाव ऊंचे स्तर पर पहुंच गया और हालत यह हो गई कि म्यांमार से इसका आयात करना पड़ा। देश के अनेक राज्यों में इस बार खरीफ कालीन मक्का का बिजाई क्षेत्र बढ़ने के आसार हैं।
दूसरी ओर कपास का उत्पादन क्षेत्र पंजाब, हरियाणा एवं राजस्थान में घटा है जबकि गुजरात एवं महाराष्ट्र में भी घटने की संभावना है।