iGrain India - बंगलोर । दक्षिण भारत के एक प्रमुख कृषि उत्पादक राज्य- कर्नाटक में मानसून की नियमित बारिश होने से खरीफ फसलों की खेती में किसानों का जबरदस्त उत्साह एवं आकर्षण देखा जा रहा है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार पिछले साल की तुलना में इस बार 21 जून तक कर्नाटक में खरीफ फसलों का उत्पादन क्षेत्र 295 प्रतिशत उछलकर 33.10 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जबकि पिछले साल 8.87 लाख हेक्टेयर तक ही पहुंच सका था। चालू सीजन का बिजाई आंकड़ा पंचवर्षीय औसत क्षेत्रफल 15.40 लाख हेक्टेयर से भी करीब दो गुणा बढ़ा है।
कर्नाटक कृषि विभाग ने इस वर्ष खरीफ फसलों की बिजाई का लक्ष्य 82 लाख हेक्टेयर निर्धारित किया है जिसमें से 40 प्रतिशत भाग में बिजाई पूरी हो चुकी है।
गत वर्ष की तुलना में चालू खरीफ सीजन के दौरान कर्नाटक में धान का उत्पादन क्षेत्र 1.80 लाख हेक्टेयर से उछलकर 6.20 लाख हेक्टेयर, मोटे अनाजों का बिजाई क्षेत्र 1.72 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 10.70 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा।
इसमें से 8.78 लाख हेक्टेयर का रकबा वर्षा पर आश्रित क्षेत्रों में तथा 1.90 लाख हेक्टेयर का क्षेत्रफल सिंचित इलाकों में स्थित है। अकेले मक्का का बिजाई क्षेत्र ही 1.25 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 8.99 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा है।
जहां तक दलहन फसलों का सवाल है तो इसका उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष के 1.22 लाख हेक्टेयर से उछलकर इस बार 10.40 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।
इसमें भी खासकर तुवर का बिजाई क्षेत्र 13 हजार हेक्टेयर की तुलना में 5.73 लाख हेक्टेयर और मूंग का रकबा 49 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 3.36 लाख हेक्टेयर हो गया है।
राज्य में तिलहन फसलों का क्षेत्रफल भी 73 हजार हेक्टेयर से उछलकर 4.30 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा है जबकि गन्ना का रकबा 3.22 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 4.56 लाख हेक्टेयर तथा कपास का बिजाई क्षेत्र 74 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 2.45 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है।