iGrain India - मुम्बई । काला बाजार क्षेत्र में स्थित देश- रूस, यूक्रेन तथा रोमानिया एवं लैटिन अमरीकी देश- अर्जेन्टीना द्वारा आक्रामक ढंग से सूरजमुखी तेल की बिक्री की जा रही है और भारतीय खाद्य तेल बाजार में अधिक से अधिक भागीदारी हासिल करने के लिए इन देशों के बीच तीव्र प्रतिस्पर्धा चल रही है।
इसके फलस्वरूप सूरजमुखी तेल के वैश्विक बाजार मूल्य पर भारी दबाव पड़ रहा है और भारतीय आयातकों को विशाल मात्रा में सस्ते दाम पर इसकी खरीद करने का प्रोत्साहन मिल रहा है।
ध्यान देने की बात है कि भारत में सोया तेल का सर्वाधिक आयात अर्जेन्टीना से ही होता है जबकि रूस, यूक्रेन तथा रोमानिया से मुख्यत: सूरजमुखी तेल का आयात किया जाता है।
उल्लेखनीय है कि सूरजमुखी तले के कुल वैश्विक निर्यात में रूस तथा यूक्रेन का संयुक्त योगदान 70 प्रतिशत के करीब रहता है। दोनों की नजर भारत पर केन्द्रित हो गई है।
भारत में पहले यूक्रेन से सूरजमुखी तेल का सर्वाधिक आयात होता था मगर अब रूस उससे आगे निकल गया है। चालू माह (जून) के दौरान शुरूआती 23 दिनों में देश के विभिन्न बंदरगाहों से लगभग 3.20 लाख टन आयातित सूरजमुखी तेल की खेप को कस्टम क्लीयरेंस के साथ डिस्चार्ज किया गया।
प्राप्त आंकड़ों के अनुसार पिछले मार्केटिंग वर्ष के दौरान भारत में प्रति माह औसतन 2.50 लाख टन सूरजमुखी तेल का आयात हुआ और इसका अधिकांश भाग काला सागर क्षेत्र के देशों से मंगाया गया।
समझा जाता है कि जून 2024 के पूरे माह के दौरान भारत में सूरजमुखी तेल का आयात तेजी से बढ़कर 5 लाख टन के सर्वकालीन सर्वच्च स्तर पर पहुंच सकता है।
इसे रिफाइंड करने तथा घरेलू बाजार में उतारने में काफी समय लग सकता है। ज्ञात हो कि देश में मुख्यत: क्रूड सूरजमुखी तेल का आयात होता है।
जून में रिकॉर्ड आयात होने के कारण जुलाई में सूरजमुखी तेल का आयात घट सकता है। इससे पूर्व भारत में जनवरी 2023 में सर्वाधिक 4,61,458 टन क्रूड सूरजमुखी तेल का आयात हुआ था जबकि जून 2024 का आयात उससे भी बड़ा होने वाला है।