iGrain India - नई दिल्ली । देश के अधिकांश राज्यों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के पहुंचने से अच्छी बारिश होने लगी है जिससे किसानों को धान सहित अन्य खरीफ फसलों की खेती में सहायता मिल रही है।
दक्षिणी भारत में वर्षा की हालत अनुकूल है जिससे न केवल फसलों की बिजाई की गति तेज है बल्कि बांधों-जलशयों में पानी का स्तर भी ऊंचा उठने की उम्मीद है।
दक्षिणी राज्यों से आगे निकल कर मानसून पश्चिमी तथा पूर्वी भारत में पहुंच गया है जबकि पूर्वोत्तर राज्यों में यह पहले से ही सक्रिय है। उत्तर प्रदेश में झमाझम बारिश हुई है।
बंगाल-बिहार में भी मानसून की बारिश होने से खरीफ फसलों की बिजाई की शुरू करने में आसानी हो रही है। वैसे बिहार तथा उत्तर प्रदेश के सभी जिलों तक मानसून को पहुंचने में कुछ समय लग सकता है। पंजाब-हरियाणा में मानसून की सीमित पहुंच हुई है।
अल नीनो मौसम चक्र का प्रकोप एवं प्रभाव समाप्त होने से दक्षिण-पश्चिम मानसून अब काफी हद टी स्वतंत्र या बाधा मुक्त हो गया है लेकिन इसकी तीव्रता, गतिशीलता एवं सक्रियता बढ़ाने के लिए आवश्यक परिस्थियां ज्यादा अनुकूल नहीं बन पाई है।
बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर में कम दाब का क्षेत्र जल्दी-जल्दी नहीं बनाने से मानसून को 'पुश' नहीं मिल रहा है। अगले कुछ दिनों में इसकी संभवाना बन सकती है। जैसे-जैसे आगे बढ़ता जाएगा, वैसे-वैसे खरीफ फसलों के उत्पादन क्षेत्र में भी सुधार के आसार बनते जायेंगे।
इस बार मानसून 1 जून की नियत तिथि के बजाए 30 मई को ही केरल के दक्षिणी तट पर पहुंच गया था लेकिन कुछ दिनों तक सक्रिय रहने के बाद यह सुस्त पड़ गया और अब दोबारा गतिशील हो रहा है।
दक्षिणी राज्यों में नियमित रूप से अच्छी वर्षा होने के कारण खरीफ फसलों की जोरदार बिजाई हो रही है और अब अन्य क्षेत्रों की बारी है।