iGrain India - ब्रिसबेन । ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया, साउथ ऑस्ट्रेलिया एवं वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया प्रान्त में सीमित वर्षा के साथ शीतकालीन फसलों- गेहूं, कैनोला, चना, मसूर एवं जौ आदि की बिजाई शुरू हुई थी और शुरूआती प्रगति के चरण में अच्छी वर्षा नहीं होने से फसलों पर खतरा मंडराने लगा था लेकिन जून में हुई बारिश ने इन फसलों को संकट से उबार दिया है। ऑ
स्ट्रेलिया में शीतकाल का समय आरंभ हो चुका है और ठंडा मौसम फसलों के विकास को धीमा कर सकता है। वहां फसलों में यूरिया के इस्तेमाल की जरूरत महसूस हो रही थी और इसके लिए खेतों में पर्याप्त नमी मौजूद रहना आवश्यक था।
दक्षिणी क्वींसलैंड तथा न्यू साउथ वेल्स प्रान्त में मौसम एवं वर्षा की हालत काफी हद तक अनुकूल बनी हुई है। लेकिन विक्टोरिया एवं वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया में स्थिति अलग-अलग देखी जा रही है।
कुछ फसलों की बिजाई सही समय पर होने से उसका विकास सामान्य ढंग से हो रहा है लेकिन कुछ इलाकों में इसकी प्रगति की रफ्तार धीमी है।
साउथ ऑस्ट्रेलिया के महत्वपूर्ण कृषि उत्पादक क्षेत्रों में चालू माह (जून) के दौरान अच्छी बारिश हुई है लेकिन उसके दक्षिण-पूर्वी भाग में और उससे सटे विक्टोरिया प्रान्त के पश्चिमी जिलों में फसल की हालत अच्छी नहीं है।
वहां वर्ष 1967 के बाद इस वर्ष की पहली छमाही में मौसम सबसे ज्यादा सूखा रहा। इन इलाकों में अनाज एवं दलहनों की मांग बढ़ने लगी है और खरीदारों द्वारा इसका स्टॉक किया जा रहा है। वैसे आमतौर पर ऑस्ट्रेलिया में समुर एवं चना का बेहतर उत्पादन होने की उम्मीद है।