iGrain India - सस्काटून । कनाडा में मटर की बिजाई पूरी तरह हो चुकी है और अब इसकी फसल प्रगति के विभिन्न चरण में है। जुलाई-अगस्त का मौसम इसके उत्पादन एवं भाव के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण साबित होने वाला है।
निर्यात पर भी इसका असर पड़ेगा। भारत और चीन जैसे प्रमुख आयातक देशों में कनाडा को मटर निर्यात की अपनी भागीदारी को बरकरार रखने में रुस की कठिन प्रतिस्पर्धा एवं सख्त चुनौती का सामना करना पड़ेगा।
राष्ट्रीय स्तर पर मटर फसल की रेटिंग सामान्य औसत स्तर से ऊंची बनी हुई है इससे बेहतर उत्पादन होने का संकेत मिलता है। कुछ इलाकों में भारी वर्षा होने से खेतों में नमी का अंश जरूरत से ज्यादा बढ़ गया है और वहां अब गर्म मौसम की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
कनाडा से सटे अमरीका के मोन्टाना एवं डकोटा प्रान्त में भी मटर की फसल अच्छी हालत में बताई जा रही है। चीन और भारत में मटर का आयात काफी हद तक शांत पड़ गया है।
भारत में मटर के शुल्क मुक्त आयात की अवधि 31 अक्टूबर 2024 तक बढ़ा दी गई है इसलिए आयातक ज्यादा जल्दबाजी नहीं दिखा रहे हैं। चीन के आयातक सीमित मात्रा में मटर की खरीद कर रहे हैं और कनाडा के साथ-साथ रूस में भी नई फसल के आने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
व्यापार विश्लेषकों के अनुसार यदि नई फसल की कटाई-तैयारी के समय चीन और भारत की मांग कमजोर रही तो कनाडा में मटर की कीमतों पर भारी दबाव पड़ सकता है।
इससे उत्पादकों की बिक्री की गति सुस्त पड़ सकती है क्योंकि वे नीचे दाम पर अपना स्टॉक बेचना पसंद नहीं करेंगे। जैसे-जैसे नई फसल के आने का समय नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे बाजार में अनिश्चितता बढ़ती जा रही है। पीली मटर के हाजिर स्टॉक का दाम 13 डॉलर प्रति बुशेल एवं अगली फसल का भाव 11 डॉलर प्रति बुशेल बताया जा रहा है।