iGrain India - बंगलौर । दक्षिण-पश्चिम मानसून कर्नाटक पर पिछले साल जितना कुपित था उतना ही इस बार मेहरबान दिख रहा है। राज्य के सभी भागों में भारी वर्षा होने से न सिर्फ सूखे का संकेत खत्म होने लगा है बल्कि खरीफ फसलों की बिजाई में जबरदस्त बढ़ोत्तरी भी देखी जा रही है।
पिछले साल के मुकाबले इस बार सभी प्रमुख फसलों- धान, मक्का, अरहर (तुवर), मूंग, सोयाबीन, मूंगफली, गन्ना एवं कपास आदि के उत्पादन क्षेत्र में शानदार बढ़ोत्तरी हुई है।
बीज में अंकुरण की दर काफी ऊंची और फसल (पौधों) की हालत बहुत अच्छी बताई जा रही है। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार चालू वर्ष के दौरान २४ जून तक कर्नाटक में खरीफ फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र उछलकर 33.10 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जो पिछले साल की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 8.37 लाख हेक्टेयर से 29 प्रतिशत तथा सामान्य औसत क्षेत्रफल 15.40 लाख हेक्टेयर के दोगुने से भी ज्यादा है।
खरीफ फसलों के रकबे में हुई इस जोरदार बढ़ोत्तरी का प्रमुख कारण राज्य में मानसून का जल्दी पहुंचना तथा पर्याप्त वर्षा होना माना जा रहा है।
मौसम विभाग के अनुसार पिछले सप्ताह तक कर्नाटक में 140 मि०मी० बारिश रिकॉर्ड की गई जो सामान्य औसत स्तर से 8 प्रतिशत अधिक थी।
कर्नाटक सरकार ने इस बार 82 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की खेती का लक्ष्य निर्धारित किया है जबकि जून के तीसरे सप्ताह तक 40 प्रतिशत लक्ष्य हासिल हो चुका था।
जिस तेज रफ्तार से वहां बिजाई हो रही है उसे देखते हुए लगता है कि चालू माह के अंत तक 50 प्रतिशत से अधिक भाग में खरीफ फसलों की खेती पूरी हो जाएगी। यदि मौसम अनुकूल रहा तो वहां इस बार रिकॉर्ड उत्पादन हो सकता है।