iGrain India - नई दिल्ली । समझा जाता है कि केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने राज्यों के कृषि मंत्रियों को पत्र भेजकर उन्हें कृषि क्षेत्र से संबंधित समस्याओं एवं मुद्दों पर बातचीत करने के लिए आमंत्रित किया है।
इसके तहत प्रत्येक प्रान्त के कृषि मंत्री के साथ केन्द्रीय कृषि मंत्री अलग-अलग मीटिंग करेंगे और 1 जुलाई से छत्तीसगढ़ एवं आसाम के साथ इसकी शुरुआत होगी।
प्रांतीय मंत्रियों से पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन तैयार करने तथा उनके राज्यों में किसानों एवं कृषि क्षेत्र की स्थिति पर अपना दृष्टिकोण एवं सुझाव साझा करने के लिए कहा गया है।
1 जुलाई 2024 को प्रथम चरण के दौरान छत्तीसगढ़ एवं आसाम के कृषि मंत्री अलग-अलग केन्द्रीय कृषि मंत्री से उनके कार्यालय में मुलाकात करेंगे और इसी तरह की बैठक का आयोजन आगामी दिनों के दौरान करने का प्लान बनाया गया है। केन्द्रीय कृषि मंत्री एक-एक करके सभी राज्यों के मंत्रियों से विचार -विमर्श करते रहेंगे।
छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री ने इस प्रस्तावित बैठक की पुष्टि करते हुए कहा है कि वे केन्द्रीय योजनाओं के तहत यूनिट कोस्ट की समीक्षा का आग्रह करेंगे जिसका क्रियान्वयन राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है।
इसके साथ-साथ राज्य (छत्तीसग़ढ) में मिलेट्स की खेती को प्रोत्साहित करने में केन्द्र से सहयोग देने का अनुरोध किया जाएगा और लघु सिंचाई परियोजनाओं तथा कृषि उत्पादों के लिए शीत गृहों (कोल्ड स्टोरेज) के निर्माण जैसे मुद्दों पर भी बातचीत की जाएगी।
पिछले 10 वर्षों से इस तरह की कोई बैठक नहीं हुई है। पिछली बार जून 2020 में जब तीन कृषि कानून बनाए और लागू किए गए थे तब भी राज्य सरकारों से कोई सलाह नहीं ली गई थी।