iGrain India - नई दिल्ली । हालांकि केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय ने जुलाई माह के लिए चीनी का फ्रीसेल कोटा घटाकर 24 लाख टन नियत कर दिया है जो जून के कोटे 25.50 लाख टन से 1.50 लाख टन कम तथा जुलाई 2024 के कोटे के बराबर है लेकिन घरेलू बाजार भाव पर अभी तक इसका कोई खास असर नहीं पड़ा है।
महीने का अंतिम सप्ताह होने से मिलों को जून माह के कोटे का बचा हुआ भाग बेचने के लिए विवश होना पड़ रहा है जबकि इसकी घरेलू एवं औद्योगिक मांग में कोई बढ़ोत्तरी नहीं देखी जा रही है।
प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्यों में अच्छी बारिश होने से फसल को राहत मिल रही है और सरकार को 2024-25 के मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) में चीनी के बेहतर उत्पादन का भरोसा है।
उद्योग के पास चीनी का भारी-भरकम स्टॉक पड़ा हुआ है और आंकड़ों के साथ जोरदार मांग किए जाने के बावजूद सरकार कम से कम चालू मार्केटिंग सीजन में चीनी का निर्यात खोलने के लिए तैयार नहीं है।
समीक्षकों का मानना है कि 30 सितम्बर 2024 को जब मौजूदा मार्केटिंग सीजन समाप्त होगा तब उद्योग के पास 80 लाख टन से ज्यादा चीनी का अधिशेष स्टॉक मौजदू रह सकता है।
अगले मार्केटिंग सीजन पर इस स्टॉक का प्रभाव पड़ेगा और चीनी के दाम में भारी तेजी आने की संभावना क्षीण पड़ जाएगी। जुलाई में चीनी के दाम में सीमित उतार-चढ़ाव आ सकता है।