iGrain India - नई दिल्ली । सुदूर दक्षिणी राज्य- केरल के तटवर्ती क्षेत्रों में 30 मई को पहुंचने वाला दक्षिण-पश्चिम मानसून अब तक देश के अनेक राज्यों को कवर कर चुका है। इसमें दक्षिण भारत के सभी राज्य, पूर्वी एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र के प्रान्त तथा महाराष्ट्र आदि राज्य भी शमिल है।
इन राज्यों में अच्छी बारिश होने से खरीफ फसलों की बिजाई में काफी सहायता मिल रही है। तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना जैसे प्रांतों से किसानों के खरीफ फसलों की अगैती बिजाई करने में सहायता मिल रही है।
मानसून का एक सिरा पूर्वी एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र में सक्रिय है जिससे उड़ीसा, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार एवं बंगाल जैसे राज्यों के कई भागों में भारी वर्षा होने से किसान धान की रोपाई में व्यस्त हो गए हैं।
मालूम हो कि यह सम्पूर्ण इलाका धान-चावल के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। आसाम सहित पूर्वोत्तर भारत के कुछ अन्य राज्यों में मूसलाधार बारिश के कारण भयंकर बाढ़ का खतरा बना हुआ है।
इस बीच दिल्ली एनसीआर सहित उत्तर प्रदेश एवं हरियाणा के कुछ भागों में 27-28 जून को हुई भारी वर्षा से किसानों को अपनी फसलों की बिजाई हेतु खेतों को तैयार करने में सहायता मिलेगी।
मौसम विभाग ने इस क्षेत्र में 2 जुलाई तक वर्षा का दौर जारी रहने की संभावना व्यक्त की है। कर्नाटक और महााराष्ट्र में तुवर तथा मूंग का रकबा बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं।
इसी तरह मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र में सोयाबीन तथा गुजरात एवं राजस्थान में मूंगफली का क्षेत्रफल बढ़ने की उम्मीद है मगर कपास के रकबे पर संशय बना हुआ है।