iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार बफर स्टॉक बढ़ाने के लिए दलहनों की खरीद सीमा बढ़ाने पर विचार कर रही है यह आवश्यक, कारगर और उपयोगी कदम होगा।
मौजूदा समय में किसी राज्य में उत्पादित कुल तिलहन एवं दलहन के अधिकतम 25 प्रतिशत भाग की खरीद का नियम प्रचलित है जिससे किसानों को कठिनाई होती है।
अब सरकार विपणन योग्य स्टॉक का शत-प्रतिशत भाग खरीदने की योजना बना रही है। इससे दो फायदे हो सकते हैं। एक तो दलहन उत्पादकों को परोक्ष रूप से न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी मिल जाएगी दूसरे, बफर स्टॉक बढ़ने से घरेलू बाजार भाव में आने वाली तेजी को नियंत्रित करने में सहायता मिलेगी। चना के मामले में ऐसा पहले हो चुका है। अब सरकार ने अरहर (तुवर), उड़द एवं मसूर की 100 प्रतिशत खरीद का प्लान बनाया है।
अरहर का उत्पादन खरीफ सीजन में, मसूर का रबी सीजन में तथा उड़द का उत्पादन दोनों सीजन में होता है। अक्सर आयात में अवरोध या विलम्ब होने से घरेलू बाजार में तुवर एवं उड़द का भाव काफी ऊंचा और तेज हो जाता है।
ऐसी हालत में सरकार को स्थिति संभालने के लिए स्टॉक सीमा जैसा अलोकप्रिय कदम उठाने के लिए विवश होना पड़ता है। मौजूदा समय में केन्द्रीय बफर स्टॉक में तुवर की मात्रा घटकर 50 हजार टन से भी कम रह गई है जबकि अफ्रीकी देशों से इसका अत्यन्त सीमित मात्रा में आयात हो रहा है। इसके फलस्वरूप तुवर के दाम में तेजी पर अंकुश लगाने में सरकार को सफलता नहीं मिल रही है।