iGrain India - कमजोर लिवाली एवं सामान्य आवक के कारण सरसों का भाव नरम
नई दिल्ली । सरकारी एजेंसी - नैफेड की खरीद से सरसों के दाम में पहले अच्छी तेजी आई थी और यह बढ़कर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के करीब या इसके ऊपर पहुंच गया था। सरसों का एमएसपी पिछले साल के 5450 रुपए प्रति क्विंटल से 200 रुपए बढ़ाकर इस बार 5650 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया। सरसों का भाव समर्थन मूल्य से ऊपर पहुंचते ही इसकी सरकारी खरीद थम गई और फिर धीरे-धीरे कीमत भी नरम पड़ने लगी।
42% कंडीशन सरसों
21 से 27 जून वाले सप्ताह के दौरान 42 प्रतिशत कंडीशन (तेल उतारा) वाली सरसों का भाव दिल्ली में तो 5900 रुपए प्रति क्विंटल पर स्थिर रहा मगर जयपुर में 25 रुपये सुधरकर 6050/6075 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया।
गुजरात
सामान्य श्रेणी या लूज सरसों का भाव गुजरात एवं हरियाणा की मंडियों में 50-75 रुपए तथा मध्य प्रदेश की मंडियों में 50-100 रुपए प्रति क्विंटल नरम रहा। चरखी दादरी में सरसों 5900 रुपए प्रति क्विंटल पर स्थिर रही जबकि मुरैना एवं पोरसा में 100-100 रुपए घटकर क्रमश: 5500 रुपए एवं 5475 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गई।
राजस्थान
सबसे प्रमुख उत्पादक प्रान्त राजस्थान में सरसों का भाव या तो स्तिर रहा या कुछ नरम पड़ गया। नागौर में यह 200 रुपए घटकर 5000/5600 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गया। अलवर में इसका दाम 50 रुपए तथा खैरथल में भी 50 रुपए नीचे आया। उत्तर प्रदेश में कीमत कुछ सुधर गई। वहां सरसों का दाम हापुड़ मंडी में 50 रुपए सुधरकर 6150 रुपए प्रति क्विंटल तथा आगरा मंडी में 75 रुपए बढ़कर 6525 रुपए प्रति क्विंटल हो गया।
सरसों तेल
सरसों का भाव घटने से सरसों तेल के दाम में भी गिरावट आई। हालांकि दिल्ली में एक्सपेलर का दाम 1145 रुपए प्रति 10 किलो पर स्थिर रहा मगर भरतपुर में 20 रुपए घटकर 1130 रुपए प्रति 10 किलो पर आ गया। वहां कच्ची घानी तेल भी 20 रुपए नरम रहा।
आवक
प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में 21 जून को 5 लाख बोरी, 22 जून को 4 लाख बोरी, 24 जून को 4.50 लाख बोरी, 25 जून को 4.25 लाख बोरी, 26 जून को भी 4.25 लाख बोरी तथा 27 जून को 4 लाख बोरी सरसों की आवक हुई। सरसों की बोरी 50 किलो की होती है।