iGrain India - इडुक्की । मसाला बोर्ड द्वारा छोटी इलायची में रि-पूलिंग करने पर प्रतिबंध लगाएं जाने के बाद व्यापारियों (खरीदारों या बेंडेर्स) ने केरल हाई कोर्ट की शरण ली है जिससे इसकी नीलामी प्रक्रिया पर अनिश्चितता के बदल छा गए हैं।
उत्पादकों ने मसाला बोर्ड के निर्णय को सही बताते हुए कहा है कि डीलर्स अक्सर अपनी खरीदी गई इलायची की रि-पूलिंग करके नीलामी प्रक्रिया को 'मैनिपुलेट' करने का प्रयास करते हैं। उत्पादकों ने यह सुझाव दिया है कि रि-पूल्ड वाली इलायची के लिए अलग से नीलामी आयोजित की जानी चाहिए।
फिलहाल यह मामला केरल उच्च न्यायालय के पास विचाराधीन है और उसके निर्णय का इंतजार किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि जून 2024 के आरंभ में मसाला बोर्ड के विपणन निदेशक ने एक सर्कुलर जारी करके लाइसेंस युक्त डीलर्स के लिए इलायची की पूलिंग वाली मात्रा को किसी भी नीलामी में कुल मात्रा के 25 प्रतिशत तक सीमित कर दिया था।
इसका मतलब यह हुआ कि अगर किसी नीलामी में 100 टन इलायची की बिक्री का ऑफर दियाजाता है तो डीलर्स इसमें से अधिकतम 25 टन की खरीद पूलिंग उद्देश्य के लिए कर सकते हैं।
यह नियम सभी लाइसेंस प्राप्त नीलामी कम्पनियों पर लागू हो गया। इससे पूर्व डीलर्स को किसी भी नीलामी में 25 टन तक इलायची की खरीद पूलिंग उद्देश्य के लिए करने की अनुमति दी गई थी।
आमतौर पर रोजाना दो बार नीलामी प्रक्रिया आयोजित होती है। आधिकारियों का कहना था कि अदालत के दिशा निर्देश के आधार पर यह रि-पूलिंग नियंत्रण लागू किया गया है।
केरल कार्डामम डीलर्स चैम्बर के सेक्रेटरी ने इस नए नियंत्रण के प्रभाव पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए दावा किया है कि इससे बेंडेर्स तथा नीलामी प्रक्रिया पर गहरा प्रतिकूल असर पड़ेगा। लाइसेन्स युक्त डीलर्स के लिए रि -पूलिंग की जिंस मात्रा की अनुमति दी गई है उसके बारे में स्पष्ट स्थिति जानने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया गया है।