iGrain India - नई दिल्ली । दक्षिण-पश्चिम मानसून जून में अपेक्षाकृत कमजोर एवं सुस्त रहा जिससे राष्ट्रीय स्तर पर सामान्य औसत के मुकाबले 11 प्रतिशत कम बारिश हुई।
इससे भी ज्यादा चितनाजनक बात यह है कि देश के लगभग 50 प्रतिशत भाग में वर्षा का अभाव रहा। अब सबका ध्यान जुलाई पर केन्द्रित हो गया है।
उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार ने मौसम विभाग की भविष्यवाणी के आधार पर 2024-25 सीजन के लिए 3404 लाख टन खाद्यान्न के रिकॉर्ड उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है।
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार 1 से 30 जून के दौरान देश में 147.2 मि०मी० बारिश हुई जो इस माह के लिए नियत दीर्घकालीन औसत (एलपीए) 165.3 मि०मी० 89 प्रतिशत रही।
देश के 17 राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों में इस अवधि के दौरान वर्षा बहुत कम या नगण्य हुई। इस तरह देश का लगभग आधा भाव जून में अनावृष्टि का शिकार बना रहा। दूसरी ओर इसी अवधि में 19 राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों में सामान्य या सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई।
हालांकि मौसम विभाग ने पहले जून में सामान्य बारिश होने का अनुमान व्यक्त किया था मगर जब कई दिनों तक मानसून में ठहराव आ गया तब इसमें अपने अनुमान को संशोधित करते हुए जून में सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना व्यक्त कर दी। आमतौर पर 94 से 106 प्रतिशत के बीच की वर्षा को सामान्य स्तर माना जाता है। जून में 89 प्रतिशत बारिश हुई।
जून 2024 के दौरान आसाम, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गोवा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, त्रिपुर, सिक्किम, दिल्ली, लद्दाख, अंडमान निकोबार, पॉन्डिचेरी एवं लक्ष्यद्वीप में सामान्य या उससे अधिक वर्षा हुई।
दसरी ओर जिन राज्यों में सामान्य से कम या बहुत कम बारिश हुई उसमें बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, गुजरात, केरल, झारखंड, उत्तराखंड , नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर शामिल हैं।