iGrain India - नई दिल्ली । जून में दक्षिण-पश्चिम मानसून कुछ सुस्त और कमजोर रहा जिससे देश के कई भागों में वर्षा नहीं या नगण्य हुई। लेकिन अब जुलाई में मानसून की सक्रियता बढ़ने से अधिकांश इलाकों में सामान्य या मूसलाधार बारिश हो रही है। मौसम विभाग के मुताबिक इस बार भी मानसून 2 जुलाई तक समूचे देश में पहुंच गया जिसमें पंजाब, हरियाणा, राजस्थान,
जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश एवं बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, उड़ीसा तथा बंगाल भी शामिल है। महाराष्ट्र, गुजरात एवं मध्य प्रदेश में मानसून पहले ही पहुंच चुका है जबकि दक्षिण भारत में प्रायद्वीपीय क्षेत्र जिसमं केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना एवं पांडिचेरी की शामिल है।
मानसून ने शुरूआती दौर में ही दस्तक दे दी थी। इसी तरह पूर्वोत्तर भारत के कुछ राज्यों में मानसून 30-31 मई को पहुंचा था जबकि अन्य राज्यों में जून में पहुंचा।
बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा तथा राजस्थान के कई भागों और गुजरात में मानसून की अच्छी बारिश होने की सूचना मिल रही है।
दिल्ली - एनसीआर में भी वर्षा होने की खबर है। कुछ इलाकों में अत्यंत मूसलाधार वर्षा होने से खेतों में या तो पानी भर गया है या नमी का अंश जरूरत से ज्यादा बढ़ गया है।
ऐसे क्षेत्रों में धान को छोड़कर किसी अन्य फसल की बिजाई करना कठिन है। लेकिन जिन इलाकों में सामान्य बारिश हुई है वहां बिजाई की रफ्तार काफी तेज देखी जा रही है। इसी तरह कुछ ऐसे भी क्षेत्र हैं जहां बाढ़ से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है और खेती जलमग्न हो गए हैं।
मानसून की वर्षा खरीफ फसलों के लिए वरदान मानी जाती है और किसानों को इसका बेसब्री से इंतजार रहता है। मौसम विभाग ने जुलाई 2024 में सामान्य औसत से अधिक बारिश होने का अनुमान व्यक्त किया है।
जुलाई-अगस्त में सर्वाधिक वर्षा और सबसे ज्यादा बिजाई होने की परिपाटी रही है। खरीफ फसलों का उत्पादन क्षेत्र गत सप्ताह तब पिछले साल की समान अवधि से काफी आगे चल रहा था।