iGrain India - नई दिल्ली (भारती एग्री एप्प)। सहकारी चीनी मिलों की शीर्ष संस्था- नेशनल फेडरेशन ऑफ को ऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज ने अपने बजट पूर्व ज्ञापन (इच्छा सूची या बिग लिस्ट) में केन्द्रीय वित्त मंत्री से हाइब्रिड तथा फ्लैक्स ईंधन वाले वाहनों (खासकर कार) पर वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) की दर को 28 प्रतिशत के वर्तमान स्तर से घटाकर 5 प्रतिशत नियत करने का आग्रह किया है।
हालांकि हाइब्रिड वाहन नियमित पेट्रोल इंजन तथा बैटरी पर चलते हैं लेकिन फ्लैक्स ईंधन वाली गाड़ियां गैसोलीन या 83 प्रतिशत एथनॉल मिश्रित ईंधन से चलाई जाती है।
एथनॉल का निर्माण गन्ना के उप उत्पादों (शीरा एवं शुगर सीरप आदि) से होता है और फ्लेक्स ईंधन वाहनों में जैव ईंधन के रूप में इसका इस्तेमाल किया जाता है।
फेडरेशन के प्रबंध निदेशक के अनुसार जीएसटी कौंसिल की पिछली बैठक में इस मुद्दे पर विचार नहीं किया गया इसलिए अब केन्द्रीय आम बजट में इस पर दिन दिया जाना चाहिए।
चीनी उद्योग चाहता है कि हाइब्रिड एवं फ्लेक्स फ्यूल वाले वाहनों पर भी जीएसटी की वही दर (5 प्रतिशत) लागू हो जो इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर लागू है।
इससे पूर्व सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने भी वित्त मंत्री से जीएसटी की दर हाइब्रिड वाहनों पर घटाकर 5 प्रतिशत तथा फ्लेक्स ईंधन वाली गाड़ियों पर 12 प्रतिशत नियत करने का आग्रह किया था।
तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) फिलहाल अधिक मात्रा में एथनॉल खरीदने से हिचक रही है लेकिन जीएसटी की दर घटने के बाद यदि फ्लेक्स फ्यूल वाली गाड़ियों की बिक्री बढ़ती है तो एथनॉल की बिक्री भी स्वतः बढ़ जाएगी और इससे चीनी उद्योग को काफी राहत मिल सकती है।