iGrain India - नई दिल्ली । तीनों शीर्ष उत्पादक प्रांतों- मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र एवं राजस्थान में सोयाबीन का भाव लूज रूप में न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे तथा मिल डिलीवरी भाव समर्थन मूल्य के आसपास चल रहा है।
ज्ञात हो कि सरकार ने 2023-24 सीजन के लिए सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 4600 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया था जबकि इसका दाम 4000/4500 रुपए प्रति क्विंटल के बीच चल रहा है।
2024-25 के मार्केटिंग सीजन हेतु सोयाबीन का एमएसपी बढ़ाकर 4892 रुपए प्रति क्विंटल नियत किया गया है लेकिन ऐसा प्रतीत होता है यह समर्थन मूल्य भी किसानों को ज्यादा आकर्षित नहीं कर पाएगा।
इसका एक कारण यह है कि खरीफ सीजन की दो प्रमुख दलहन- अरहर (तुवर) एवं उड़द का समर्थन मूल्य बढ़ाकर क्रमश: 7550 रुपए प्रति क्विंटल एवं 7400 रुपए प्रति क्विंटल नियत किया गया है जबकि इसका खुला बाजार भाव पहले से ही समर्थन मूल्य से काफी ऊंचे स्तर पर बरकरार है।
इसी तरह मक्का के समर्थन मूल्य में भी अच्छी बढ़ोत्तरी की गई है और इसका दाम भी किसानों के लिए आकर्षक बना हुआ है।
मध्य प्रदेश में उड़द तथा महाराष्ट्र में तुवर का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है और इन दोनों दलहनों का दाम ऊंचा है।
हालांकि दक्षिण-पश्चिम मानसून की अच्छी वर्षा होने से सीजन के शुरूआती चरण में सोयाबीन के बिजाई क्षेत्र में पिछले साल की अपेक्षा अच्छी बढ़ोत्तरी हुई जिसका एक कारण यह है कि गत वर्ष बारिश के अभाव में सोयाबीन की खेती उस समय तक जोर नहीं पकड़ पाई थी लेकिन अब धीरे-धीरे बिजाई की रफ्तार घटने की संभावना है।
वर्ष 2023 के खरीफ सीजन में सोयाबीन का कुल उत्पादन क्षेत्र 124.11 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा था जबकि इस बार में 5-10 प्रतिशत तक की गिरावट आने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
सोयाबीन की बिजाई अभी जारी है इसलिए कुल क्षेत्रफल का खरीफ अनुमान लगाना फिलहाल जल्दबाजी होगी।
चालू माह के अंत तक इसके क्षेत्रफल की मोटी तस्वीर सामने आने की उम्मीद है। कहीं-कहीं भारी वर्षा एवं जल जमाव से फसल को नुकसान होने की आशंका भी है।