नई दिल्ली, 23 जुलाई (आईएएनएस)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का बजट पेश किया। बजट में समाज के विभिन्न तबकों का विशेष ध्यान रखा गया है। युवाओं से लेकर किसानों तक को बड़ी सौगातें दी गई हैं। वहीं बजट में मिडिल क्लास लोगों का भी विशेष ध्यान रखा गया है। बजट में मिडिल क्लास लोगों को आर्थिक मोर्चे पर समृद्ध करने की दिशा में कई कदम उठाए गए हैं। इससे पहले फरवरी में पेश किए गए अंतरिम बजट में मिडिल क्लास लोगों के लिए आवास योजना भी शुरू करने की बात कही गई थी। इसके अलावा, मिडिल क्लास के लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए रूफ टॉप सोलर एनर्जी का भी ऐलान किया था। वित्त मंत्री ने कहा, “निकट भविष्य में मिडिल क्लास के लोगों के लिए सरकार कई योजनाएं बनाएगी। किराए के मकान में रहने वाले लोगों को अपना घर उपलब्ध कराने के लिए सरकार की ओर आर्थिक सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। मोदी सरकार ने लोगों को अपना घर उपलब्ध कराने की दिशा में कमर कस ली है।”
केंद्रीय वित्त मंत्री ने पांच नई घोषणाएं की हैं। वित्त मंत्री ने अपनी पहली घोषणा के बारे में बताते हुए कहा, “सभी औपचारिक क्षेत्रों में नए कर्मचारियों को एकमुश्त वेतन - ईपीएफओ में पंजीकृत लोगों को 15 हजार रुपये तक का सीधा हस्तांतरण।”
इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री ने शहरों में औद्योगिक पार्क भी बनाने का ऐलान किया है। इसमें एक करोड़ से भी अधिक युवाओं को प्रशिक्षण देने की घोषणा की है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि मध्यमवर्गीय परिवारों में युवाओं पर बड़ी जिम्मेदारी होती है। उन्हीं के सहारे पर पूरा परिवार टिका रहता है, जिसे ध्यान में रखते हुए हमने युवाओं को नौकरी देने के लिए कई तरह की योजनाएं शुरू करने का फैसला किया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि मिडिल क्लास के लोगों के उत्थान के लिए एमएसएमई पर खास फोकस कर रहे हैं। हम आगामी दिनों में युवाओं के लिए रोजगार के नए–नए अवसर सृजित करने के लिए कई कदम उठाएंगे।
वित्त मंत्री ने मध्यमवर्गीय परिवारों को एजुकेशन प्राप्त करने में हो रही दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए एजुकेशन लोन की सुविधा विकसित की है। वित्त मंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाले मध्यमवर्गीय परिवार से जुड़े युवाओं को 10 लाख रुपए लोन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
निर्मला सीतारमण ने कहा, 'जिन लोगों ने पहले ऋण लिया है और उसका भुगतान कर दिया है, उनके लिए मुद्रा ऋण की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपए की जाएगी।'
--आईएएनएस
एसएचके/सीबीटी