iGrain India - नई दिल्ली । भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने ला नीना मौसम चक्र के आगमन को देखते हुए अगस्त तथा सितम्बर में राष्ट्रीय स्तर पर दीर्घकालीन औसत (एलपीए) से अधिक बारिश होने की संभावना व्यक्त की है।
मौसम विभाग के महानिदेशक ने 1 अगस्त को कहा था कि ला नीना का प्रभाव दिखाई पड़ने लगा है और सितम्बर में होने वाली सामान्य से अधिक वर्षा में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
मौसम विभाग के मुताबिक अगस्त 2024 में एलपीए के सापेक्ष 94 से 106 प्रतिशत के बीच बारिश होने की संभावना है लेकिन गुजरात एवं महाराष्ट्र में बारिश सामान्य स्तर से कम हो सकती है। इन दोनों प्रांतों में दलहन-तिलहन का भारी उत्पादन होता है।
दक्षिण-पश्चिम मानसून के वर्तमान सीजन में अब तक सामान्य औसत से करीब 2 प्रतिशत अधिक बारिश हो चुकी है जिससे विभिन्न राज्यों में किसानों को खरीफ फसलों का रकबा बढ़ाने का अच्छा अवसर मिल रहा है।
दलहन-तिलहन फसलों के बिजाई क्षेत्र में शानदार बढ़ोत्तरी हो रही है। दलहनों में अरहर (तुवर) एवं मूंग तथा तिलहन फसलों में सोयाबीन एवं मूंगफली का उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष से काफी आगे चल रहा है।
चालू सीजन के दौरान कृषि उत्पादन पांच प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद की जा रही है जिससे खासकर दलहनों की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ेगी और कीमतों में कुछ नरमी आ सकती है।
दलहन-दाल का भाव लम्बे समय से काफी ऊंचे स्तर पर चल रहा है। महाराष्ट्र में पुणे सहित कुछ अन्य जिलों में अत्यन्त मूसलाधार बारिश होने तथा बांधों से नदियों में पानी छोड़े जाने का कारण खरीफ फसलों को काफी नुकसान होने की सूचना मिल रही है।
पुणे संभाग में 68 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फसलों के बर्बाद होने की खबर है। इसमें तुवर की फसल भी शामिल है।
अब मध्य प्रदेश के कई जिलों में मानसूनी बारिश कहर ढा रही है और वहां उड़द की फसल के क्षतिग्रस्त होने की आशंका बढ़ गई है। अगस्त-सितम्बर की अधिशेष वर्षा इन दोनों दलहन फसलों के लिए नुकसान दायक साबित हो सकती है।