iGrain India - कीव । काला सागर क्षेत्र में अवस्थित देश- यूक्रेन में तिलहन-तेल का नया मार्केटिंग सीजन आरंभ हो गया है। 2024 -25 के वर्तमान सीजन के दौरान वहां रेपसीड का उत्पादन 40 लाख टन के करीब होने का अनुमान लगाया गया है।
जुलाई 2024 में यूक्रेन से 2.78 लाख टन रेपसीड का निर्यात हुआ जो पिछले साल से 15 प्रतिशत अधिक था। व्यापार विश्लेषकों के मुताबिक जुलाई- अगस्त के दो महीनों में इसका शिपमेंट बढ़कर 6-7 लाख टन की सीमा को पार कर जाने की उम्मीद है।
वर्तमान समय में वहां इस महत्वपूर्ण तिलहन का निर्यात ऑफर मूल्य 485 डॉलर प्रति टन के आसपास चल रहा है। उद्योग समीक्षकों के अनुसार रेपसीड का भाव ऊंचा रहने तथा रेपसीड तेल की मांग एवं कीमत कमजोर पड़ने से क्रशर्स-प्रोसेसर्स का मार्जिन ऋणात्मक हो गया है इसलिए उसने इस तिलहन की खरीद अस्थायी रूप से स्थगित कर दी है।
हालांकि चीन यूक्रेनी रेपसीड का प्रमुख खरीदार बना हुआ है मगर उसके आयातक अब नीचे दाम पर इसकी खरीद करना चाहते हैं और इसलिए निर्यातकों पर भाव घटाने का दबाव डाल रहे हैं।
समीक्षकों का कहना है कि निर्यात बढ़ाने के लिए यूक्रेन को रेपसीड का मूल्य घटाना होगा। घरेलू प्रभाग में इसका दाम 23,000 यू ए एच (मुद्रा) प्रति टन चल रहा है जबकि सूरजमुखी का भाव 25,000 यू ए एच प्रति टन बताया जा रहा है।
मिस्र के आयातक भी इसकी खरीद में दिलचस्पी दिखा सकते हैं क्योंकि वहां तिलहन-तेल का भाव ऊंचा हो गया है। सोया रिफाइंड तेल का मूल्य बढ़कर 1050 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गया है।
यूक्रेन से वनस्पति तेल की अग्रिम बिक्री का अनुबंध बहुत कम हो रहा है। रूस से भारत के लिए खाद्य तेल में सामान्य कारोबार देखा जा रहा है।
वहां सूरजमुखी का बकाया स्टॉक होने से इसके तेल का निर्यात जारी है मगर रेपसीड एवं इसके तेल के शिपमेंट की गति कुछ धीमी है।