iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्तर पर गन्ना का बिजाई क्षेत्र गत वर्ष के 57.11 लाख हेक्टेयर से 57 हजार हेक्टेयर बढ़कर इस बार 57.68 लाख हेक्टेयर पर पहुंचने का अनुमान लगाया है लेकिन शीर्ष उद्योग संस्था- इस्मा ने इसका क्षेत्रफल 6 प्रतिशत घटकर 56 लाख हेक्टेयर पर सिमटने की संभावना व्यक्त की है।
मानसून की अच्छी वर्षा होने से अधिकांश प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में गन्ना की फसल का सामान्य ढंग से विकास हो रहा है लेकिन कुछ इलाकों में बाढ़ एवं जल भराव से फसल को नुकसान होने की आशंका भी है।
गन्ना की क्रशिंग एवं चीनी के उत्पादन का नया मार्केटिंग सीजन औपचारिक तौर पर 1 अक्टूबर 2024 से आरंभ हो जाएगा और सरकार तब तक फसल की हालत पर गहरी नजर रखना चाहती है क्योंकि मौसम विभाग ने अगस्त तथा सितम्बर में सामान्य औसत से अधिक बारिश होने का अनुमान व्यक्त किया है।
यदि फसल को आगामी सप्ताहों के दौरान गंभीर नुकसान नहीं हुआ तो 2024-25 के सीजन में चीनी का सामान्य उत्पादन हो सकता है जबकि विशालकाय पिछले बकाया स्टॉक के साथ इसकी कुल आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति बेहतर रह सकती है।
ऐसी हालत में सरकार के पास यह विकल्प रहेगा कि वह या तो एथनॉल निर्माण में चीनी के उपयोग की मात्रा बढ़ाने का निर्णय ले अथवा चीनी का व्यापारिक निर्यात आरंभ करने की अनुमति प्रदान करे।
उद्योग इन दोनों मोर्चे पर सरकार से सकारात्मक फैसले की अपेक्षा रखता है। यह भी हो सकता है कि चीनी की सीमित मात्रा का निर्यात करने तथा एथनॉल निर्माण में उपयोग बढ़ाने का निर्णय एक साथ ले लिया जाए।