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बाढ़ वर्षा से बिगड़े हालात

प्रकाशित 17/08/2024, 05:31 pm
बाढ़ वर्षा से बिगड़े हालात
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iGrain India - पिछले साल अगस्त के महीनें में देश के अधिकांश भाग में सूखे का गंभीर संकट बना हुआ था जिससे खरीफ फसलों को काफी हानि हुई थी।

उसके विपरीत इस वर्ष अगस्त का महीना अतिवृष्टि का साक्षी बन रहा है और अनेक राज्यों के महत्वपूर्ण कृषि उत्पादक इलाकों में जरूरत से ज्यादा बारिश होने से एक बार फिर खरीफ फसलों को नुकसान की आशंका बढ़ गई है।

अब तक राष्ट्रीय स्तर पर सामान्य औसत से 5-6 प्रतिशत अधिक बारिश हो चुकी है जबकि मानसून की सक्रियता अभी बरकरार है। इसके आगे सितम्बर में भी मूसलाधार वर्षा होने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा है।

मौसम विभाग ने चालू माह (अगस्त) के अंत तक ला नीना मौसम चक्र के सक्रिय हो जाने की संभावना व्यक्त की है जिससे दक्षिण-पश्चिम मानसून को अपनी तीव्रता, गतिशीलता एवं सक्रियता बढ़ाने का ठोस आधार मिल सकता है।

सितम्बर की बारिश अगैती बिजाई वाली खरीफ फसलों के लिए अच्छी नहीं मानी जाती है क्योंकि यह समय इन फसलों के परिपक्व होने का रहता है।

इस बीच जुलाई-अगस्त की जोरदार वर्षा से कई क्षेत्रों में बाढ़ आ गई है और निचले इलाकों में फसलें जलमग्न हो गई हैं। किसानों एवं देश के लिए यह शुभ संकेत नहीं है।

पहले जिन क्षेत्रों या मौसम उपखंडों में बारिश का अभाव रहा था वहां भी अब बादल गरजने - बरसने लगे हैं। इसी तरह जिन भागों में पहले ही भारी बारिश हो चुकी है वहां भी मानसून सक्रिय है।

ऐसे क्षेत्रों में फसलों को नुकसान होने का खतरा ज्यादा है। महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश एवं राजस्थान जैसे दलहन-तिलहन फसलों के प्रमुख उत्पादक प्रांतों में इस बार मानसून की मेहरबानी जरूरत से ज्यादा देखी जा रही है। बांधों-जलाशयों, नदी-नालों तथा अन्य जल स्रोतों में पानी लबालब भरा हुआ है। 

हालांकि राष्ट्रीय स्तर पर खरीफ फसलों का उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष से आगे चल रहा है जिससे आमतौर पर बेहतर उत्पादन की उम्मीद की जा सकती है लेकिन जिन इलाकों में बाढ़-वर्षा का पानी भर गया है और इसकी निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं है वहां फसलों का भविष्य अनिश्चित बना हुआ है।

क्षति का आंकलन किया जा रहा है। ध्यान देने वाली बात है कि दलहन-तिलहन एवं कपास की फसल बाढ़-जल जमाव के प्रति ज्यादा संवेदनशील होती है इसलिए इसको अधिक खतरा रहेगा।

मोटे अनाज के नवजात पौधे भी इसका शिकार बन सकते हैं मगर धान की फसल को वर्षा से कुल मिलाकर फायदा होने की उम्मीद है। वर्तमान समय में भी देश के कई भागों में भारी वर्षा हो रही है या उसके लिए अलर्ट जारी किया गया है। 

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