iGrain India - बंगलोर । दक्षिण भारत के एक महत्वपूर्ण कृषि उत्पादक राज्य- कर्नाटक में इस बार खरीफ फसलों की अच्छी बिजाई होने तथा मौसम एवं मानसून की हालत अनुकूल रहने से शानदार उत्पादन की उम्मीद की जा रही है।
इसमें खासकर अरहर (तुवर), उड़द, मूंग, मोटे अनाज आदि शामिल है। सही समय पर अच्छी बारिश होने से राज्य में इस बार अ अनाजी फसलों एवं दलहनों के बिजाई क्षेत्र में भारी बढ़ोत्तरी हुई है और फसलों की प्रगति भी संतोषजनक ढंग से हो रही है।
राज्य कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल की तुलना में चालू वर्ष के दौरान कर्नाटक में खाद्यान्न फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र 8.60 लाख हेक्टेयर की वृद्धि के साथ 51.31 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।
इसमें 29.43 लाख हेक्टेयर में अनाजी फसलों एवं 21.87 लाख हेक्टेयर में दलहन फसलों का क्षेत्रफल शामिल है। अनाजी फसलों का रकबा तो 26.44 लाख हेक्टेयर के सामान्य औसत क्षेत्रफल से भी आगे निकल गया।
इसके अलावा कर्नाटक में तिलहन फसलों की बिजाई 9.80 लाख हेक्टेयर में हुई है और इससे 9.87 लाख टन के उत्पादन का अनुमान लगाया गया है।
कर्नाटक में खरीफ कालीन खाद्यान्न फसलों का औसत पंचवर्षीय उत्पादन क्षेत्र 44.42 लाख हेक्टेयर आंका गया है।
कृषि विभाग ने चालू खरीफ सीजन के दौरान राज्य में 97.32 लाख टन अनाज एवं 14.71 लाख टन दलहनों के उत्पादन का अनुमान लगाया है।
किसानों तथा कृषि विभाग के अधिकारियों को उम्मीद है कि आगामी सप्ताहों के दौरान राज्य के किसी भाग में न तो अत्यन्त मूसलाधार वर्षा होगी और न ही भयंकर बाढ़ आएगी जिससे खरीफ फसलों को नुकसान की आशंका नगण्य रहेगी।
हालांकि बेलागवी, बगलकोट, शिवमोगा एवं हावेरी जैसे जिलों में भारी वर्षा एवं खेतों में जल जमाव से खरीफ फसलों को आंशिक क्षति होने की सूचना है लेकिन राज्य के अन्य जिलों में फसल की हालत बहुत अच्छी है और वहां उत्पादन बढ़ने के आसार हैं।
पिछले साल के सूखा प्रभावित उत्पादन से चिंतित किसानों को इस बार शानदार पैदावार होने से काफी राहत मिलने की उम्मीद है।
इस बार मानसून की अच्छी बारिश हुई है और जलाशय भी भरे हुए हैं जिससे रबी एवं जायद सीजन का उत्पादन भी बेहतर होने के आसार हैं।