iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय खाद्य, उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने भारत ब्रांड स्कीम के तहत रियायती मूल्य पर चावल एवं आटा की खुदरा बिक्री सरकारी एजेंसियों के माध्यम से जारी रखने का फैसला किया है।
इसका पहला चरण पूरा होने वाला है और अब दूसरे चरण के लिए मानक संचालनीय प्रक्रिया (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर(एसओपी) का निर्धारण किया गया है।
इसके तहत तीनों सरकारी एजेंसियों को संशोधित भारत ब्रांड स्कीम के तहत नए माल का वितरण शुरू होने से पूर्व अपने मौजूदा स्टॉक को बेचना होगा और इसका खाता-बही (अकाऊंट्स) बंद करना पड़ेगा।
तीनों एजेंसियों के प्रशासनिक विभागों से खाता बंदी की समीक्षा करने तथा यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया है कि उसके पास न तो चावल-आटा का कोई पिछला स्टॉक बचा हो और न ही स्कीम के प्रथम चरण से उत्पन्न कोई अन्य दायित्व मौजूद रहे।
इसी तरह भारतीय खाद्य निगम को स्कीम के प्रथम चरण वाले खाता-बही को बंद करने के लिए कहा गया है। इसमें पुराने स्टॉक के वितरण (आवंटना, रिलीज आर्डर जारी करना, भुगतान प्राप्ति की रसीद तथा उठाए गए स्टॉक की मात्रा आदि शामिल है। जो माल उठाया नहीं गया उसका यदि कोई भुगतान बचा है तो उसे सम्बन्धित एजेंसियों को लौटाया जाएगा।
नए एसओपी के अनुसार भारत ब्रांड आटा एवं चावल केवल 5 किलो तथा 10 किलो की थैली में बेचा जाएगा। इस थैली पर देवनागरी लिपी में स्पष्ट रूप से भारत आटा या भारत चावल लिखा हुआ होना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि संशोधित स्कीम के बारे में खाद्य मंत्रालय पहले ही 23 जुलाई 2024 को आवश्यक जानकारी दे चुकी है जिसमें आटा एवं चावल का मूल्य भी निर्धारित किया गया था।
यदि संबंधित एजेंसियों को गेहूं एवं चावल प्राप्त करना है तो उसे भारतीय खाद्य निगम को अग्रिम भुगतान करना पड़ेगा।
गेहूं की पिसाई के लिए एजेंसियां फ्लोर मिलर्स का चयन करने के लिए स्वतंत्र हैं लेकिन यह चुनाव केवल प्रतिस्पर्धी बिडिंग प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा।