iGrain India - कुआलालम्पुर । पाम तेल की कीमतों में अगले कुछ महीनों तक तेजी मजबूती का रुख कायम रहने की संभावना है क्योंकि इंडोनेशिया में उत्पादन कम हो रहा है और बायोडीजल निर्माण में इसका उपयोग बढ़ रहा है।
इधर भारत में त्यौहारी सीजन को देखते हुए पाम तेल का भारी आयात होने की उम्मीद है। व्यापार विश्लेषकों के मुताबिक अक्टूबर-नवम्बर तक बाजार ऊंचा रह सकता है।
एक विश्लेषक के अनुसार मलेशिया में क्रूड पाम तेल का वायदा भाव पिछले छह सत्र में से पांच सत्र के दौरान 3930 रिंगिट प्रति टन से ऊंचा रहा जिसका एक प्रमुख कारण चीन के डालियान तथा अमरीका के शिकागो एक्सचेंज में पाम ते एवं सोयाबीन तेल के दाम में बढ़ोत्तरी होना रहा।
कुआलालम्पुर स्थित बुर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स (बीएमडी) एक्सचेंज में अक्टूबर डिलीवरी के लिए क्रूड पाम तेल (सीपीओ) का वायदा मूल्य 28 अगस्त को 3975 में अक्टूबर रिंगिट प्रति टन पर बंद हुआ।
अक्टूबर शिपमेंट के लिए सीपीओ का भारत पहुंच खर्च 1030 डॉलर (87,325 रुपए) प्रति टन बैठ रहा है। इसमें शिपमेंट खर्च भी शामिल है।
एक रिसर्च एजेंसी के अनुसार तीसरे माह के लिए क्रूड पाम तेल का वायदा भाव पहले 3750 रिंगिट प्रति टन रहने का अनुमान लगाया गया था जिसे अब 100 रिंगिट या 2.7 प्रतिशत बढ़ाकर 3850 रिंगिट प्रति टन निश्चित किया गया है।
पहले यह संभावना व्यक्त की गई थी वर्ष 2024 की दूसरी छमाही के दौरान सीपीओ का वायदा भाव नरम बना रहेगा लेकिन उम्मीद के अनुरूप इसमें नरमी नहीं आ सकी। रिसर्च एजेंसी ने वर्ष 2025 के आरंभ तक सीपीओ के दाम में ज्यादा तेजी नहीं आने का भी अनुमान व्यक्त किया था।
एक अन्य समीक्षक के मुताबिक प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देशों में पाम तेल का बकाया अधिशेष स्टॉक अपेक्षाकृत कम है जबकि उत्पादन में भी काफी हद तक स्थिरता देखी जा रही है। दूसरी ओर इसमें त्यौहारी मांग मजबूत रहेगी।