iGrain India - नई दिल्ली । जानकार सूत्रों का कहना है कि वर्तमान में सौंफ के भाव न्यूनतम स्तर पर बोले जा रहे हैं। वर्तमान भावों पर स्टॉक करना लाभ का व्यापार रहेगा। उल्लेखनीय है कि गत वर्ष उत्पादकों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिलने के कारण चालू सीजन के लिए प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात एवं राजस्थान में अधिक क्षेत्रफल पर सौंफ की बिजाई की गई। बिजाई के पश्चात मौसम भी फसल के अनुकूल रहा। जिस कारण से पैदावार भी अधिक रही। चालू सीजन के दौरान देश में सौंफ का उत्पादन 38/40 लाख बोरी (प्रत्येक बोरी 55 किलो) का माना जा रहा है जबकि गत वर्ष पैदावार 20/21 लाख बोरी की रही थी। अधिक पैदावार के कारण कीमतों में लगातार गिरावट बनी रही। और वर्तमान में उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर हल्की क्वालिटी के भाव 6000/7000 रुपए प्रति क्विंटल पर बोले जाने लगे है। वर्तमान में निर्यात व्यापार कम हो रहा है। जिस कारण से निर्यात का भाव 7000/7100 रुपए के स्तर पर आ गया है जोकि जून माह में 8000/8100 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा था। सूत्रों का मानना है कि आगामी दिनों में मांग बढ़ने पर सौंफ की कीमतों में तेजी की संभावना है। क्योंकि अधिक पैदावार का बाजार में मन्दा आ चुका है इसके अलावा उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर दैनिक आवक भी घटने लगी है।
निर्यात
भाव नीचे होने के कारण दूसरे वर्ष भी सौंफ का निर्यात में वृद्धि होने की संभावना है। प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2022-23 में सौंफ का निर्यात 20201 टन का हुआ था जोकि वर्ष 2023-24 में बढ़कर 39565 टन का हो गया है। चालू सीजन 2024-25 के प्रथम तीन माह में भी सौंफ के निर्यात में वृद्धि दर्ज की गई है। निजी जानकारी के अनुसार अप्रैल-जून - 2024 के दौरान सौंफ का निर्यात 34015.78 टन का हुआ है जबकि गत वर्ष अप्रैल जून-2023 में निर्यात 18573.19 टन का किया गया था। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2021-22 में सौंफ का रिकॉर्ड निर्यात 40139 टन का हुआ था लेकिन अभी के निर्यात प्रदर्शन को देखते हुए संभावना व्यक्त की जा रही है कि वर्ष 2024-25 में सौंफ निर्यात का नया रिकॉर्ड स्तर कायम करेगी।