iGrain India - नई दिल्ली । विभिन्न राज्यों में दक्षिण-पश्चिम मानसून का दौर जारी रहने से देश के 150 प्रमुख बांधों-जलाशयों में लगातार नौवें सप्ताह पानी के कुछ भंडार में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई।
चालू मानसून सीजन के दौरान देश में अब तक सामान्य औसत से 7 प्रतिशत ज्यादा बारिश हो चुकी है। इससे कम वर्षा वाले क्षेत्रों का दायरा सीमित रह गया है।
केन्द्रीय जल आयोग के आंकड़ों से पता चलता है कि राष्ट्रीय स्तर पर बांधों जलाशयों में पानी की कुल भंडारण क्षमता 180.852 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) है जबकि इसमें का को वास्तविक भंडार 144.333 बीसीएम यानी 80 प्रतिशत तक पहुंच गया है। देश के सभी पांचों संभागों में चालू सप्ताह के दौरान जल स्तर बढ़ा है।
सामान्य स्तर से कम पानी के भंडार वाले राज्यों की संख्या घटकर अब केवल चार रह गई है जिसमें से तीन प्रान्त उत्तरी क्षेत्र में स्थित हैं।
उधर मौसम विभाग के आंकड़ों से ज्ञात होता है कि केवल पूर्वी एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र को छोड़कर देश के अन्य भागों में पर्याप्त वर्षा हुई है। पूर्वी एवं पूर्वोत्तर राज्यों में सामान्य औसत से 12 प्रतिशत कम बारिश हुई जबकि दक्षिणी प्रायद्वीप एवं मध्यवर्ती भारत में से प्रत्येक में 17 प्रतिशत ज्यादा वर्षा दर्ज की गई।
मौसम विभाग के मुताबिक देश के जिन 724 जिलों से आंकड़े एकत्रित किए जाते हैं उसमें से 25 प्रतिशत जिलों में सामान्य से कम वर्षा हुई जबकि पिछले सप्ताह ऐसे जिलों की संख्या 30 प्रतिशत थी।
बांधों-जलाशयों में पानी भंडार न केवल गत वर्ष से बल्कि पिछले चार दशक के औसत स्तर से भी ज्यादा हो गया है। कुल मिलाकर अब सिर्फ 21 जलाशयों में पानी का स्टॉक उसकी कुल भंडारण क्षमता के 50 प्रतिशत से नीचे है।
उत्तरी क्षेत्र के तीन राज्यों- हिमाचल प्रदेश, पंजाब तथा राजस्थान में बांधों- जलाशयों में कुल क्षमता से कम पानी का भंडार मौजूद है।
इस क्षेत्र के 11 जलाशयों में पानी के भंडारण की कुल क्षमता 19,836 बीसीएम है जबकि उसमें करीब 60 प्रतिशत या 11.866 बीसीएम पानी का स्टॉक उपलब्ध है।