iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार को उम्मीद है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून की अच्छी बारिश का सहारा मिलने से खरीफ फसलों के बिजाई क्षेत्र में हुई बढ़ोत्तरी के कारण इस बार कृषि उत्पादन बेहतर हो सकता है।
धान का उत्पादन क्षेत्र बढ़कर 408.70 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है जो गत वर्ष की समान अवधि के रकबा 393.50 लाख हेक्टेयर से 15.15 प्रतिशत तथा सामान्य औसत क्षेत्रफल 401.50 लाख हेक्टेयर से 1.78 प्रतिशत अधिक है। कुछ क्षेत्रों में धान की खेती अभी जारी है।
इसी तरह मोटे अनाजों का बिजाई क्षेत्र पिछले साल के 181 लाख हेक्टेयर से 6.68 प्रतिशत बढ़कर इस बार 187.70 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है जो पंचवर्षीय औसत स्तर 180.80 लाख हेक्टेयर से ज्यादा है।
दलहनों का उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष के 116.60 लाख हेक्टेयर से 8.47 प्रतिशत बढ़कर इस बार 125.10 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया। तिलहन फसलों के उत्पादन क्षेत्र में अच्छी बढ़ोत्तरी हुई है। बिजाई प्रक्रिया का अंतिम चरण में पहुंच गई है।
बिजाई क्षेत्र में हुई यह बढ़ोत्तरी इस प्रगति शीलता का सूचक है कि इस बार खरीफ फसलों का उत्पादन बढ़ सकता बढ़ सकता है लेकिन इसके लिए सितम्बर-अक्टूबर में मौसम का अनुकूल रहना आवश्यक है।
खरीफ फसलों का सकल उत्पादन क्षेत्र बढ़कर 10.87 करोड़ हेक्टेयर पर पहुंच चुका है जो पिछले सीजन के बिजाई क्षेत्र 1066 लाख हेक्टेयर से 21 लाख हेक्टेयर ज्यादा है।
दलहनों के संवर्ग में तुवर एवं मूंग के उत्पादन क्षेत्र में भारी वृद्धि हुई है जिससे इसके उत्पादन में अच्छी वृद्धि होने की उम्मीद है लेकिन उड़द एवं मोठ का रकबा घटना चिंता का विषय है।
इसी तरह तिलहन फसलों में सोयाबीन एवं मूंगफली के बिजाई क्षेत्र में इजाफा हुआ है मगर तिल एवं अरंडी का रकबा घट गया है।
अभी तक खरीफ फसलों के लिए मानसून की वर्षा बेहतर हुई है जबकि कुछ इलाकों में हुई अत्यन्त मूसलाधार बारिश से उसे खतरा भी बना हुआ है। सितम्बर के मौसम पर अब सबका ध्यान केन्द्रित है।