iGrain India - अहमदाबाद । पिछले साल की तुलना में चालू खरीफ सीजन के दौरान जिन गिने-चुने कृषि उत्पादों की बिजाई में सर्वाधिक गिरावट आई है उसमें कपास मुख्य रूप से शामिल है।
इसका उत्पादन क्षेत्र 2023 के 123.11 लाख हेक्टेयर से 11.37 लाख हेक्टेयर घटकर 2024 में 111.74 लाख हेक्टेयर पर अटक गया।
फसल की बिजाई लगभग समाप्त हो चुकी है और अगले कुछ सप्ताहों में रूई के नए माल की तुड़ाई-तैयारी आरंभ होने वाली है।
उत्तरी क्षेत्र के राज्यों- पंजाब, हरियाणा एवं राजस्थान में नरमा कपास की अगैती बिजाई अप्रैल-मई में होती है इसलिए वहां रूई का नया माल भी अपेक्षाकृत पहले आने लगता है।
बाजार भाव आकर्षक नहीं होने तथा कीड़ों-रोगों के भयंकर प्रकोप की आशंका रहने से इस बार उत्तरी राज्यों के किसानों ने कपास की खेती में कम दिलचस्पी दिखाई जिससे इसका क्षेत्रफल तीनों राज्यों में काफी घट गया।
इसी तरह सबसे प्रमुख उत्पादक प्रान्त गुजरात में कपास के बिजाई क्षेत्र में करीब 3 लाख हेक्टेयर की भारी गिरावट आ गई।
इसके अलावा महाराष्ट्र, तेलंगाना एवं आंध्र प्रदेश में भी कपास की बिजाई गत वर्ष से कुछ पीछे रह गई। दूसरी ओर कर्नाटक एवं मध्य प्रदेश में इसका रकबा कुछ बढ़ा है।
प्रमुख उत्पादक राज्यों में आमतौर पर कपास की फसल अच्छी हालत में बताई जा रही है मगर कई इलाकों में घनघोर बारिश होने तथा खेतों में पानी भर जाने से फसल को नुकसान होने की खबर भी मिल रही है।
इसके फलस्वरूप रूई के उत्पादन में गिरावट आने की प्रबल संभावना है। रूई का भाव अब धीरे-धीरे सुधरने लगा है जबकि बांग्ला देश की जोरदार मांग निकलने पर इसमें कुछ और तेजी आ सकती है।