iGrain India - नई दिल्ली । सरकारी आंकड़ों के अनुसार चालू वर्ष के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर गन्ना का बिजाई क्षेत्र बढ़कर 57.68 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जो पिछले साल के क्षेत्रफल 57.11 लाख हेक्टेयर से 57 हजार हेक्टेयर ज्यादा है।
वैसे शीर्ष उद्योग संस्था- इंडियन शुगर एंड बायो एनर्जी मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन (इस्मा) ने उपग्रह से प्राप्त चित्र के आधार पर गन्ना का जो रकबा आंका है वह सरकारी अनुमान से कम है।
प्रमुख उत्पादक राज्यों में मानसून की अच्छी बारिश होने से गन्ना की फसल बेहतर अवस्था में है लेकिन कहीं-कहीं इसको नुकसान होने की खबर भी मिल रही है।
कुल मिलाकर चीनी का अगला उत्पादन 2023-24 सीजन के आसपास ही होने का अनुमान है। इस्मा बार-बार आंकड़ों का हवाला देते हुए सरकार से चीनी का निर्यात खोलने का आग्रह कर रहा है
जिस पर जून 2023 से ही प्रतिबंध लगा हुआ है मगर सरकार इसके बजाए एथनॉल उत्पादन को प्राथमिकता देना चाहती है।
इस क्रम में उसने 20-24-25 के मार्केटिंग सीजन में एथनॉल निर्माण में चीनी के उपयोग पर लगे मात्रात्मक नियंत्रण को वापस ले लिया है।
इससे मिलर्स को एथनॉल का उत्पादन बढ़ाने का अवसर मिलेगा और यदि चीनी के उत्पादन में थोड़ी बहुत गिरावट आती है तो उद्योग के पास मौजूद अधिशेष स्टॉक का इस्तेमाल किया जा सकता है।
ऐसा प्रतीत होता है कि 2024-25 के मार्केटिंग सीजन में भी चीनी निर्यात के प्रति सरकार की नीति में बदलाव नहीं हो सकेगा।