iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार ने 2024-25 के मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) की अवधि के लिए अमरीका को टैरिफ रेट कोटा (टीआरक्यू) प्रणाली के तहत 8606 टन कच्ची चीनी (रॉ-शुगर) के निर्यात का कोटा निर्धारित किया है।
इसी मात्रा की चीनी का निर्यात कोटा जनवरी में भी नियत किया गया था। उल्लेखनीय है कि टीआरक्यू के तहत होने वाले निर्यात पर अपेक्षाकृत कम सीमा शुल्क लगता है।
लेकिन जब नियत कोटे की कुल मात्रा का शिपमेंट हो जाता है तब अतिरिक्त माल के आयात पर ऊंची दर का सीमा शुल्क पुनः लागू हो जाता है।
केन्द्रीय वाणिज्य मंत्रालय के अधीनस्थ निकाय- विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा जारी एक सार्वजनिक सूचना में कहा गया है कि गन्ना से निर्मित इस 8606 टन कच्ची चीनी का निर्यात शिपमेंट 1 अक्टूबर 2024 से 30 सितम्बर 2025 के बीच किया जाएगा।
ध्यान देने की बात है कि भारत दुनिया में चीनी का सबसे प्रमुख खपतकर्ता और ब्राजील के बाद दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है।
अमरीका के साथ-साथ यूरोपीय संघ के साथ भी भारत का टीआरक्यू के तहत चीनी निर्यात के लिए प्रीफेरेंशियल कोटा का समझौता है और उसके लिए अलग से इसकी मात्रा निर्धारित की जाती है।
डीजीएफटी ने कहा है कि अमरीका के लिए निर्धारित चीनी के इस कोटे का संचालन कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्साह निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) द्वारा किया जाएगा।
भारत में गन्ना की क्रशिंग एवं चीनी के उत्पादन का नया मार्केटिंग सीजन औपचारिक तौर पर 1 अक्टूबर से आरंभ हो जाता है लेकिन मिलों की वास्तविक गतिविधि मध्य अक्टूबर के बाद ही शुरू होती है।
कच्ची चीनी का यह निर्यात कोटा घरेलू बाजार पर कोई असर नहीं डालेगा क्योंकि इसकी मात्रा अत्यन्त सीमित है। वैसे भी मिलर्स के पास नवम्बर 2024 से कच्ची चीनी का स्टॉक तेजी से बढ़ने लगेगा जबकि फिलहाल इसके व्यापारिक निर्यात पर प्रतिबंध लगा हुआ है।