iGrain India - गुंटूर । आंध्र प्रदेश में भारी वर्षा एवं भयंकर बाढ़ से कुछ प्रमुख उत्पादक जिलों में लालमिर्च के साथ-साथ हल्दी की फसल को भी काफी नुकसान होने की सूचना मिल रही है।
आंध्र प्रदेश इन दोनों महत्वपूर्ण मसालों के अग्रणी उत्पादक राज्यों में शामिल है। एक तो वहां हल्दी का बिजाई क्षेत्र गत वर्ष के 33,283 हेक्टेयर की तुलना में इस बार 15,482 हेक्टेयर तक ही पहुंच है और दूसरे, बाढ़-वर्षा के कारण इसमें से करीब 3100 हेक्टेयर में फसल को नुकसान होने की आशंका है।
इसमें से लगभग 1200 हेक्टेयर में फसल को क्षति केवल बापटला जिले में होने की खबर मिल रही है। राज्य में हल्दी की फसल को हुए नुकसान से करीब 4700 किसान प्रभावित हुए हैं।
फसल क्षति का आंकलन अभी जारी है। समझा जाता है कि किसान कई क्षेत्रों में हल्दी की दोबारा बिजाई का प्रयास कर सकते हैं।
आंध्र प्रदेश में हल्दी की फसल को कृष्णा, गुंटूर एवं एनटीआर जिलों में भी नुकसान हुआ है। यदि बारिश और बाढ़ का प्रकोप आगे भी जारी रहा तो राज्य में हल्दी का उत्पादन काफी हद तक प्रभावित हो सकता है।
मौसम विभाग ने आंध्र-उड़ीसा तट के पास बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दाब का क्षेत्र बनने की संभावना व्यक्त की है जिससे अगले कुछ दिनों में वहां घनघोर वर्षा हो सकती है।
कृष्णा नदी पहले से ही उफान पर है। तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु एवं उड़ीसा के अलावा महाराष्ट्र में भी हल्दी की फसल को बाढ़-वर्षा से खतरा बना हुआ है।
फसल उत्पादन में गिरावट की आशंका बनने पर हल्दी के दाम में तेजी आ सकती है। इसकी त्यौहारी एवं विदेशी मांग भी बढ़ने की उम्मीद है।