iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि चालू वर्ष के दौरान 6 सितम्बर तक राष्ट्रीय स्तर पर खरीफ फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र उछलकर 1092.33 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जो पिछले साल की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 1069.29 लाख हेक्टेयर से 2.2 प्रतिशत 23.04 लाख हेक्टेयर ज्यादा है।
इसके तहत खासकर धान का क्षेत्रफल 393.57 लाख हेक्टेयर से 4 प्रतिशत बढ़कर 409.50 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जो सामान्य औसत क्षेत्रफल से भी ज्यादा है।
कुछ तकनीकी कारणों से धान के क्षेत्रफल का आंकड़ा पिछले सप्ताह के स्तर पर स्थिर रखा गया लेकिन जब 13 सितम्बर को नया आंकड़ा जारी होगा तब उसमें संशोधन परिवर्तन दिखाई पड़ेगा। 30 अगस्त 2023 को धान का रकबा 393.57 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया था।
तिलहन फसलों का उत्पादन क्षेत्र 189.44 लाख हेक्टेयर से 1.6 प्रतिशत सुधरकर 192.40 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा है जिसमें मुख्यत: मूंगफली एवं सोयाबीन का विशेष योगदान है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार गत वर्ष की तुलना में चालू सीजन के दौरान सोयाबीन का उत्पादन क्षेत्र 123.85 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 125.11 लाख हेक्टेयर तथा मूंगफली का बिजाई क्षेत्र 43.39 लाख हेक्टेयर से उछलकर 47.49 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।
उद्योग समीक्षकों के अनुसार सोयाबीन की बिजाई समाप्त हो चुकी है और फसल की हालत अच्छी है। यदि मूसलाधार वर्षा नहीं हुई तो इस बार सोयाबीन का बम्पर उत्पादन हो सकता है।
दलहन फसलों का रकबा भी गत वर्ष के 117.39 लाख हेक्टेयर से 7.5 प्रतिशत बढ़कर इस बार 126.20 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा।
इसके तहत अरहर (तुवर) का उत्पादन क्षेत्र 40.74 लाख हेक्टेयर से उछलकर 45.78 लाख हेक्टेयर तथा मूंग का बिजाई क्षेत्र 31.05 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 35.06 लाख हेक्टेयर हो गया जबकि उड़द का क्षेत्रफल 31.71 लाख हेक्टेयर से गिरकर 30.02 लाख हेक्टेयर रह गया। मोठ के रकबे में भी गिरावट आई है।