iGrain India - नई दिल्ली । चालू खरीफ सीजन के दौरान देश में प्रीमियम क्वालिटी के बासमती धान तथा चावल के उत्पादन में अच्छी बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है क्योंकि एक तो बासमती धान के क्षेत्रफल में इजाफा हुआ है और दूसरे, प्रमुख उत्पादक इलाकों में मौसम की हालत भी अनुकूल बनी हुई है।
बासमती धान का उत्पादन पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली तथा जम्मू कश्मीर के दो जिलों में होता है।
अन्य प्रांतों में भी लम्बे दाने वाले सुगंधित धान का उत्पादन होता है मगर उसे बासमती का आधिकारिक दर्जा (मान्यता) प्राप्त नहीं है।
शानदार उत्पादन की उम्मीद से बासमती धान का घरेलू बाजार भाव नरम पड़ने लगा है जिससे उत्पादकों की चिंता बढ़ गई है।
व्यापार विश्लेषकों के अनुसार क्षेत्रफल में अच्छी बढ़ोत्तरी होने तथा मौसम अनुकूल रहने से बासमती धान के उत्पादन में पिछले साल के मुकाबले इस बार 15-20 प्रतिशत तक की भारी बढ़ोत्तरी हो सकती है।
अखिल भारतीय चावल निर्यातक संघ के अध्यक्ष के अनुसार मौजूदा फसल की हालत अच्छी दिखाई पड़ रही है। बारिश अच्छी हुई है।
किसानों को पिछली फसल का अच्छा दाम मिला जिससे उसने क्षेत्रफल बढ़ाने का जोरदार प्रयास किया। पिछले वित्त वर्ष के दौरान देश से बासमती चावल का निर्यात बढ़कर नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया और चालू वित्त वर्ष में भी निर्यात प्रदर्शन बेहतर चल रहा है। इस बार बासमती धान का उत्पादन बढ़ने के प्रबल आसार हैं।
एपीडा के अनुसार वर्ष 2023 के खरीफ सीजन में बासमती धान का क्षेत्रफल 21.35 लाख हेक्टेयर से कुछ अधिक रहा था जबकि इसका कुल उत्पादन 98.45 लाख टन पर पहुंचा था। निर्यातक संघ द्वारा इस बार बासमती धान के रकबे का सर्वेक्षण करवाया जा रहा है।
इसकी प्रक्रिया पूरी होने के बाद फसल की उपज दर एवं कुल पैदावार की तस्वीर स्पष्ट हो पाएगी। अगले महीने सर्वे का पूरा होने की संभावना है जबकि तब तक नई फसल की आवक भी शुरू हो जाएगी।