iGrain India - मुम्बई । अंतर्राष्ट्रीय वस्त्र निर्यात बाजार में भारत और बांग्ला देश के बीच कठिन प्रतिस्पर्धा रहती है और अनेक खरीदार देशों में बांग्ला देशी उत्पाद को शुल्क में रियायत भी दी जाती है।
पिछले कुछ महीनों से बांग्ला देश में उपद्रव, विद्रोह एवं राजनैतिक अस्थिरता का माहौल रहने से वस्त्र उद्योग को भारी नुकसान हो रहा है जिससे उसका उत्पादन एवं निर्यात प्रदर्शन कमजोर पड़ गया है। इससे भारत को फायदा होने की उम्मीद है।
ध्यान देने वाली बात है कि मांग एवं खपत की तुलना में बांग्ला देश में रूई का नगण्य उत्पादन होता है और वह भारतीय रूई का सबसे प्रमुख आयातक बना रहता है।
इसके अलावा वहां अमरीका, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया तथा कजाकिस्तान जैसे देशों से भी रूई का आयात किया जाता है। अमरीका तथा यूरोप ही नहीं बल्कि चीन जैसे देशों में भी बांग्ला देश को कॉटन यार्न, फैब्रिक्स तथा सूती वस्त्रों के निर्यात पर सीमा शुल्क में भारी छूट दी गई है
जबकि भारत को कोई रियायत नहीं मिलती है। इसके फलस्वरूप बांग्ला देश को अंतर्राष्ट्रीय निर्यात बाजार में भारत के सापेक्ष कुछ अग्रता हासिल हो जाती है।
यदि वहां से निर्यात प्रभावित होता है तो भारत को अपने उत्पादों का निर्यात बढ़ाने का अच्छा अवसर मिल सकता है। बांग्ला देश अभी भारत से रूई का बहुत कम आयात कर रहा है।