iGrain India - नई दिल्ली । देश के अनेक राज्यों में दक्षिण-पश्चिम मानसून की सक्रियता जारी रहने से मूसलाधार बारिश हो रही है जिससे खासकर निचले इलाकों में पानी का जमाव काफी बढ़ गया है और नदियों-नालों में उफान आने से बाढ़ का गंभीर खतरा पैदा हो गया है। विशाल क्षेत्रफल में खेत-खलिहान जलमग्न हो गए हैं और फसलें पानी में डूब गई हैं।
जिन राज्यों में अभी मानसूनी वर्षा का कहर जारी है उसमें मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान तथा छत्तीसगढ़ जैसे महत्वपूर्ण कृषि उत्पादक प्रान्त भी शामिल हैं।
इसके अलावा उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश एवं जम्मू कश्मीर में भी बाढ़ वर्षा का तांडव देखा जा रहा है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में तीन दिनों तक वर्षा का सिलसिला बरकरार रहने की संभावना व्यक्त की गई है।
मध्य प्रदेश में अशोक नगर, ग्वालियर एवं मुरैना जिले में भारी वर्षा एवं बाढ़ से खरीफ फसलों को नुकसान हो रहा है। इसमें दलहन-तिलहन फसलें भी शामिल हैं।
राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश के अनेक जिलों में बारिश ने फसलों को अस्त व्यस्त कर दिया है। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर एवं संभल जिले में हालत ज्यादा खराब हो रही है।
उल्लेखनीय है कि खरीफ फसलों की बिजाई बिल्कुल अंतिम चरण में पहुंच गई है और फसलें विकास के विभिन्न चरणों से गुजर रही हैं।
कुछ इलाकों में अगैती बिजाई वाली फसल पककर कटाई-तैयारी की अवस्था में आ गई है जिसे आसमानी वर्षा एवं एवं खेतों में भरे पानी से भारी नुकसान होने की आशंका है।
सोयाबीन, मूंगफली, उड़द, मूंग एवं कपास की फसल ज्यादा प्रभावित हो सकती है। मध्य प्रदेश तथा राजस्थान में इन फसलों पर विशेष नजर रखने की आवश्यकता है।
पिछले साल के मुकाबले राष्ट्रीय स्तर पर चालू खरीफ सीजन के दौरान मूंगफली, सोयाबीन एवं मूंग के उत्पादन क्षेत्र में वृद्धि हुई है मगर उड़द एवं कपास का रकबा घट गया है।